क्या बड़ा बंगला और Y प्लस सुरक्षा बचाने के लिए भाजपा से नजदीकियां बढ़ा रहे शिवपाल यादव?

राजनीति

लखनऊ: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव की भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज हो गयी हैं. पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम को देखते हुए कहा जा रहा है शिवपाल जल्द ही भाजपा की रथ पर सवार हो सकते हैं. शिवपाल के सामने भाजपा की ओर से कई विकल्प पेश किए गए हैं. सूत्र बताते हैं कि फिलहाल शिवपाल सिंह यादव सरकार से उन्हें मिला बड़ा बंगला और वाई प्लस सुरक्षा बचाने की कवायद में जुटे हए हैं. सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हुई मुलाकात में इसको लेकर आश्वासन भी मिल चुका है. ऐसे में राज्य सम्पत्ति विभाग की तरफ से प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह को विधायक के रूप में जो बड़ा भारी भरकम बंगला मिला हुआ है. वह खाली नहीं कराया जाएगा. इसके साथ ही गृह विभाग की तरफ से उन्हें जो सरकारी वाई प्लस सुरक्षा दी गई है वह भी बची रहेगी.
सूत्रों के अनुसार शिवपाल का बंगला और सुरक्षा न हटाने को लेकर अधिकारियों को इशारा कर दिया गया है. सरकार की तरफ से शिवपाल सिंह यादव की भाजपा में शामिल होने और यादव बेल्ट में यादव समाज को भाजपा से जोड़े रखने की कोशिश के चलते यह सब सियासी घटनाक्रम चल रहा है. भाजपा की तरफ से उनके सामने कुछ विकल्प रखे गए हैं, जिन पर शिवपाल सिंह मंथन कर रहे हैं.

सूत्र बताते हैं कि भाजपा शिवपाल विधानसभा में उपाध्यक्ष बना सकती है और इसके लिए उसे सिर्फ विधानसभा में चुनाव कराना पड़ेगा और बहुमत के आधार पर यह काम आसानी से किया जा सकता है. यह वैसे ही करने की कोशिश रहेगी, जैसे सपा विधायक रहे नितिन अग्रवाल औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल नहीं हुए थे और भाजपा ने उन्हें विधानसभा में उपाध्यक्ष निर्वाचित करा लिया. अब एक बार फिर शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच चल रही नाराजगी को देखते हुए शिवपाल सिंह यादव भाजपा के ज्यादा संपर्क में आये हैं. ऐसे में वह अपनी सियासी राह आसान बनाने को लेकर अभी से प्रयास कर रहे हैं.

सूत्रों का कहना है कि शिवपाल सिंह यादव के सामने भाजपा ने आजमगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ने और उनके बेटे आदित्य सिंह यादव के जसवंत नगर सीट से उपचुनाव लड़ने की बात कही गई है. हालांकि इसमें अभी छह महीने से अधिक का समय है. इसके अलावा भाजपा की तरफ से कुछ और विकल्प शिवपाल सिंह यादव को समायोजित करने को लेकर दिए जा सकते हैं, जिससे शिवपाल अखिलेश की नाराजगी का फायदा भाजपा को यादव वोट बैंक में सेंध लगाने में मिल सके.

देखना यह होगा कि शिवपाल सिंह यादव कैसे भाजपा के साथ जुड़ते हैं. वहीं, इस पूरे मामले में प्रसपा प्रवक्ता दीपक मिश्रा ने बताया कि शिवपाल सिंह यादव ने पिछले दिनों सिर्फ एक शिष्टाचार मुलाकात की थी. वह भाजपा में शामिल नहीं हो रहे हैं. राजनीति में इस तरह की अफवाहें चलती रहती हैं.

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