संसद में क्लाइमेट चेंज पर चर्चा : सरकार ने कहा, कार्बन उत्सर्जन पर भारत सजग, अन्य देशों की गंभीरता पर सवाल

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नई दिल्ली :कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिये भारत ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. यूरोपीय देश कार्बन उत्सर्जन और जलवायु परिवर्तन के निपटने के प्रयासों को लेकर गंभीर नहीं दिखते. यह कहना है केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का. उन्होंने संसद के बजट सत्र के दौरान लोक सभा में नियम 193 के तहत चर्चा का जवाब दिया. इससे पहले भाजपा सांसद जलवायु परिवर्तन को देश एवं दुनिया के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने कहा कि भारत ने वर्ष 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित करने सहित कई कदम उठाये हैं लेकिन अन्य देश इस विषय पर अपने प्रयासों को लेकर गंभीर नहीं दिख रहे जो चिंता का विषय है.

गौरतलब है कि लोक सभा में नियम 193 के तहत जलवायु परिवर्तन के विषय पर चर्चा की शुरुआत केरल से निर्वाचित कांग्रेस सांसद डीन कुरियाकोस ने की. उन्होंने पर्यावरण के मद्देनजर केरल में केंद्र सरकार की कुछ परियोजनाओं पर सवाल खड़े किए. बता दें कि पिछले कुछ समय से केरल की के रेल या सिल्वर लाइन परियोजना की आलोचना हो रही है.

इसके बाद चर्चा में हिस्सा लेते हुए भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने कहा कि दुनिया के सामने आज यूक्रेन संघर्ष के कारण उत्पन्न संकट, कोविड-19 के आर्थिक प्रभाव जैसी चुनौतियां हैं लेकिन जलवायु परिवर्तन एक ऐसी समस्या है जो आने वाले समय के लिये भी बड़ी चुनौती बनी रहेगी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने कई क्षेत्रों में दुनिया को नेतृत्व प्रदान किया है और जलवायु परिवर्तन के विषय पर जारी प्रयासों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

जयंत सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने वर्ष 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा तथा उत्सर्जन में कमी लाने के लिये महत्वपूर्ण कदम उठायें हैं जो ऐतिहासिक हैं. भाजपा सांसद ने कहा कि भारत का कदम विकास के साथ साथ कार्बन उत्सर्जन से मुक्त वातावरण बनाने की दिशा में अहम है. ऐसा कदम अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, चीन, कोरिया जैसे देशों ने भी नहीं उठाये.

सिन्हा ने एक रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले 200 वर्षो में वैश्विक औसत तापमान में 1.2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है और ऐसा अनुमान है कि आने वाले 80 वर्षो में वैश्विक औसत तापमान में 1.5 डिग्री से 2 डिग्री सेल्सियस की और वृद्धि हो सकती है. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और इसके कारण वैश्विक तापमान में वृद्धि का काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. हिमनद के पिघलने से नदियों के प्रवाह प्रभावित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि वैश्विक तापमान में वृद्धि के कारण रेगिस्तान का दायरा बढ़ रहा है और समुद्र के पानी के गर्म होने के कारण चक्रवात एवं समुद्री तूफान के चक्र एवं ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं.

भाजपा सांसद ने कहा कि भारत ने तो दुनिया के सामने कार्बन उत्सर्जन को कम करने का लक्ष्य रख दिया और इस दिशा में प्रतिबद्धता के साथ काम भी कर रहा है लेकिन इस दिशा में निवेश एवं कार्यक्रमों पर नजर डालें तब दुनिया के दूसरे देश अपने प्रयासों को लेकर गंभीर नहीं नजर आते हैं. उन्होंने कहा कि भारत ने अपने वैकल्पिक ऊर्जा के स्रोत बढ़ाने और 500 गिगावाट नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में काम करने की रूपरेखा तैयार की है. सिन्हा ने कहा कि हमें विकास का मॉडल बदलना होगा. उन्होंने कहा कि समय आ गया है जब द्वितीय विश्व युद्ध के समय बनाई गई संस्थाओं में बदलाव करते हुए नयी तरह की संस्थाएं एवं व्यवस्थाएं तैयार करनी होंगी.

असम की कलियाबोर सीट से निर्वाचित कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने की. उन्होंने सड़क परिवहन मंत्रालय की परियोजनाओं के संबंध में पूछा कि सरकार को बताना चाहिए कि लगातार बढ़ रहे निर्माण कार्य में कार्बन उत्सर्जन से निपटने के क्या उपाय किए जा रहे हैं.

तमिलनाडु की तिरुपुर लोक सभा सीच से निर्वाचित सीपीआई सांसद के सुब्बारायण, उत्तर प्रदेश की बिजनौर सीट से निर्वाचित बसपा सांसद मलूक नगर, महाराष्ट्र की मुंबई दक्षिण लोक सभा सीट से निर्वाचित शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने भी चर्चा में भाग लिया. सावंत ने कहा कि जलवायु परिवर्तन एक ऐसा मुद्दा है जो पूरी दुनिया के लिए चिंता का सबब है. उन्होंने कहा कि क्लाइमेट चेंज के चैलेंज से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाने की जरूरत है.

तमिलनाडु की चिदंबरम लोक सभा सीट से निर्वाचित वीसीके पार्टी के सांसद थोल थिरुमावलवन, हरियाणा की अंबाला लोक सभी सीट से बीजेपी सांसद रतन लाल कटारिया और पंजाब की खडूर साहिब लोक सभा सीट से निर्वाचित कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह गिल ने भी चर्चा में भाग लिया. पश्चिम बंगाल की बर्धमान-दुर्गापुर लोक सभा सीट से भाजपा सांसद एसएस अहलूवालिया, यूपी की बुलंदशहर लोक सभी सीट से निर्वाचित बीजेपी सांसद भोला सिंह ने भी भाग लिया.

बिहार की सारण लोक सभा सीट से भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने भी चर्चा में भाग लिया. राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के बारे में सबसे अहम बात ये है कि आम जनता को आसान या आम बोलचाल की भाषा में जलवायु परिवर्तन जैसे जटिल विषय के बारे में कैसे जागरूक किया जाए. उन्होंने कहा कि वे अपने स्तर से लोक सभा क्षेत्र व अन्य जगहों पर जलवायु परिवर्तन और कार्बन उत्सर्जन रोकने के लिए लोगों को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं.

विस्तार से हुई चर्चा के बाद केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने सांसदों की चिंता और उनकी ओर से उठाई गई बातों का जवाब दिया.

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