इंदौर:मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति के एक मामले में बुधवार को महत्वपूर्ण आदेश दिया है। इंदौर खंडपीठ ने फैसले में कहा कि भले ही बेटी की शादी हो गई, वह दूसरे घर चली गई, लेकिन उसे भी अनुकंपा नियुक्ति पाने का पूरा अधिकार है।
खास बात यह है कि शादीशुदा बेटी के भाई और बहन ने भी अनापत्ति दी थी। दरअसल, संतोष परमार नेहरू नगर स्थित सरकारी स्कूल में पढ़ाती थीं। उनका 2020 में निधन हो गया। संतोष दृष्टिहीन शिक्षक थीं। मां के निधन के बाद शादीशुदा बेटी तरुणा ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए दिसंबर-2020 में शिक्षा विभाग को आवेदन किया था।
23 जुलाई 2021 को विभाग ने शादी का हवाला देकर अनुकंपा नियुक्ति देने से मना कर दिया। इस फैसले को तरुणा ने अधिवक्ता आनंद अग्रवाल के जरिए हाईकोर्ट में चुनौती दी। जस्टिस प्रणय वर्मा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की। याचिका में उल्लेख किया गया कि अनुकंपा नियुक्ति के मामले में ऐसा कोई नियम नहीं है कि शादी हो चुकी बेटी को इसका लाभ नहीं दिया जा सकता है।
पूर्व में हाईकोर्ट की फुल बेंच इस नीतिगत मसले को सुन चुकी है। फुल बेंच ने ही आदेश पारित किया था कि अनुकंपा नियुक्ति का हक बेटी को भी है भले ही उसकी शादी हो चुकी है। तरुणा के भाई विजित और बहन प्रेरणा ने भी लिखित में सहमति दी है कि तरुणा को नौकरी दिए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है।