भोपाल । मप्र में सरकार ने जो शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चला रखा है उसके सुखद परिणाम सामने आने लगे हैं। इस बार ईट राइट स्मार्ट सिटी चैलेंज में टॉप शहरों में इंदौर, उज्जैन, सागर एवं जबलपुर शामिल हुए हैं। जानकारी के अनुसार एफएसएसएआई नई दिल्ली द्वारा खाद्य सुरक्षा परितंत्र को मजबूत करने आम नागरिकों में गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थों के उपभोग की संस्कृति विकसित करने के लिए इट राइट स्मार्ट सिटी चैलेंज आयोजित की गई। इस प्रतियोगिता में सम्पूर्ण देश के लगभग 180 शहरों ने भाग लिय। जिसमें मध्यप्रदेश के 9 जिलों ने भाग लिया गया।
जानकारी के अनुसार इस प्रतियोगिता में खाद्य सुरक्षा से जुड़ी विविध गतिविधियां रेग्यूलेटरी नमूना संग्रहण, खाद्य लायसेंसों एवं पंजीयन में बढ़ोतरी,सार्वजनिक स्थलों पर खाद्य सुरक्षा को प्रोत्साहित करना, सोशल मीडिया के माध्यम से आम नागरिकों को खाद्य सुरक्षा की जानकारी देना, क्लीन स्ट्रीट फूड हब, क्लीन वेजीटेबल मार्केट, भोग, ईट राइट स्कूल, ईट राइट कैम्पस, हाईजीन रेटिंग आदि गतिविधियां शामिल है। खाद्य सुरक्षा प्रशासन के सहभागी के रूप में नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा कार्य किया गया है। उक्त प्रतियोगिता की सतत निगरानी मुख्यमंत्री, कलेक्टर, कमिश्नर्स कॉन्फ्रेंस में लगातार की गई है। जिसके परिणाम स्वरूप एफएसएसएआई द्वारा प्रतियोगिता के समापन पर कुल 180 शहरों में से प्रथम शहरों का चयन किया गया है। चयनित इन 11 शहरों में मध्यप्रदेश के 4 शहर इंदौर, उज्जैन, सागर एवं जबलपुर को एफएसएसएआई द्वारा प्रथम पुरस्कार के रूप में पुरस्कृत किया गया है।
मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई
प्रदेश में शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के साथ ही मिलावटखोरों के खिलाफ भी कार्रवाई हां रही है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन, मध्यप्रदेश के वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी देवेन्द्र कुमार वर्मा ने बताया कि खाद्य सुरक्षा प्रशासन मध्यप्रदेश आम नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्यप्रद एवं पौष्टिक खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने के लिए खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के विरुद्ध अभियान चला रहा है, जिसमें खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के विरुद्ध लगातार कार्यवाही की जा रही है। अभियान में खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के विरूद्ध 42 एनएसए, 486 एफआईआर दर्ज की गई। वर्मा ने बताया कि अभियान में अब तक 19 करोड़ से अधिक की सामग्री जप्त की गई है, 182 प्रतिष्ठान सील किए गए है। मिलावटी खाद्य पदार्थों के न्यायालयों द्वारा 2500 प्रकरण निराकृत किए गए है। न्यायालयों द्वारा लगभग 11 करोड़ से अधिक का अर्थदंड लगाया गया है। जिसमें से 3 करोड़ से अधिक का अर्थदंड वसूल किया जा चुका है। नागरिक खाद्य पदार्थों की जांच के लिए 15 चलित प्रयोगशाला संचालित की जा रही है। चलित प्रयोगशाला से मात्र 10 रुपए में आम नागरिक अपने खाद्य पदार्थ की जांच करा सकते है।
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