जल्दी ही राजधानी-शताब्दी को रिप्लेस करेंगी वंदे भारत ट्रेन तेज होगी रफ्तार

नई दिल्ली । आधुनिकता की पटरी पर दौड़ती भारतीय रेल में प्रीमियम राजधानी-शताब्दी ट्रेनों का युग बीतने जा रहा और चरणबद्ध तरीके से उनका स्थान सेमी हाई स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन लेने जा रही हैं। दो कुर्सीयान (चेयरकार) वंदे भारत ट्रेन चलाने के बाद रेल मंत्रालय इस साल शयन (स्लीपर) सुविधा वाली वंदे भारत ट्रेन दौड़ाने की तैयारी कर रहा है। सेमी हाई स्पीड ट्रेन में तमाम खूबियां होंगी, लेकिन रेलवे की सबसे तेज राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन से तीन घंटे पहले पहुंचने के कारण वंदे भारत यात्रियों के लिए प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनेंगी। ईंधन की खपत कम होने के साथ यात्रियों को सफर का नया अनुभव कराएंगी।रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वंदे भारत तकनीक में प्रत्येक कोच में अपना खुद का इंजन है और पृथक ब्रेकिंग सिस्टम है। इसलिए ट्रेन के आगे इंजन लगाने की जरुरत नहीं होती है। सेल्फ प्रोपेल्ड इंजन (एसपीई) तकनीक की मदद से वंदे भारत ट्रेन का एक्सेलरेशन-डीसेलरेशन बहुत तेज होता है। यानी ताकतवर पिकअप के साथ वंदे भारत त्वरित तेज गति पकड़ती है और उतनी ही तेजी से रुकती भी है। यह एसपीई तकनीक में संभव है, जबकि राजधानी एक्सप्रेस में इंजन ट्रेन को खींचता और ब्रेक लगता है। उन्होंने बताया कि इस तकनीक से वंदे भारत की औसत तीन से चार घंटे बढ़ जाती है। जिससे वंदे भारत की अधिकतम रफ्तार बढ़ाए बगैर गंतव्य समय से तीन घंटे पहले पहुंचाया जा सकता है। आधुनिकता की पटरी पर दौड़ती भारतीय रेल में प्रीमियम राजधानी-शताब्दी ट्रेनों का युग बीतने जा रहा और चरणबद्ध तरीके से उनका स्थान सेमी हाई स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन लेने जा रही हैं। दो कुर्सीयान (चेयरकार) वंदे भारत ट्रेन चलाने के बाद रेल मंत्रालय इस साल शयन (स्लीपर) सुविधा वाली वंदे भारत ट्रेन दौड़ाने की तैयारी कर रहा है। सेमी हाई स्पीड ट्रेन में तमाम खूबियां होंगी, लेकिन रेलवे की सबसे तेज राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन से तीन घंटे पहले पहुंचने के कारण वंदे भारत यात्रियों के लिए प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनेंगी। ईंधन की खपत कम होने के साथ यात्रियों को सफर का नया अनुभव कराएंगी। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वंदे भारत तकनीक में प्रत्येक कोच में अपना खुद का इंजन है और पृथक ब्रेकिंग सिस्टम है। इसलिए ट्रेन के आगे इंजन लगाने की जरुरत नहीं होती है। सेल्फ प्रोपेल्ड इंजन (एसपीई) तकनीक की मदद से वंदे भारत ट्रेन का एक्सेलरेशन-डीसेलरेशन बहुत तेज होता है। यानी ताकतवर पिकअप के साथ वंदे भारत त्वरित तेज गति पकड़ती है और उतनी ही तेजी से रुकती भी है। यह एसपीई तकनीक में संभव है, जबकि राजधानी एक्सप्रेस में इंजन ट्रेन को खींचता और ब्रेक लगता है। उन्होंने बताया कि इस तकनीक से वंदे भारत की औसत तीन से चार घंटे बढ़ जाती है। जिससे वंदे भारत की अधिकतम रफ्तार बढ़ाए बगैर गंतव्य समय से तीन घंटे पहले पहुंचाया जा सकता है।

  • सम्बंधित खबरे

    भारत की प्राण शक्ति बहुत से लोगों को दिखाई नहीं देती: आरएसएस प्रमुख

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि भारत के पास अपनी प्राण शक्ति है, लेकिन यह कई लोगों को दिखाई नहीं देती क्योंकि उनकी…

    Constitution Day पर बोले पीएम मोदी, हर आतंकी संगठन को देंगे मुंहतोड़ जवाब, हमारा संविधान मार्गदर्शक है

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में आयोजित संविधान दिवस समारोह में हिस्सा लिया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र के इस महत्वपूर्ण पर्व का जब हम स्मरण कर…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    व्यापार

    सोने की 40 सुरंगें, इतना गोल्ड कि मत पूछो… इनके हाथ लगा कुबेर का खजाना

    सोने की 40 सुरंगें, इतना गोल्ड कि मत पूछो… इनके हाथ लगा कुबेर का खजाना

    डोनाल्ड ट्रंप का भारतीय शेयर बाजार ने किया स्वागत, सेंसेक्स 901 अंक चढ़कर बंद

    डोनाल्ड ट्रंप का भारतीय शेयर बाजार ने किया स्वागत, सेंसेक्स 901 अंक चढ़कर बंद

    एप्पल ने भारत में की छप्परफाड़ कमाई, रेवेन्यू का बनाया रिकॉर्ड, जानिए और कितने फ्लैगशिप स्टोर खोलने की तैयारी…

    एप्पल ने भारत में की छप्परफाड़ कमाई, रेवेन्यू का बनाया रिकॉर्ड, जानिए और कितने फ्लैगशिप स्टोर खोलने की तैयारी…

    3 रुपए का शेयर एक दिन में 2 लाख से पार, दिवाली पर निवेशकों की बल्ले-बल्ले

    3 रुपए का शेयर एक दिन में 2 लाख से पार, दिवाली पर निवेशकों की बल्ले-बल्ले

    भारतीय रिजर्व बैंक ने बताया 2000 रुपये के 98% नोट वापस आ चुके, लेकिन 7,117 करोड़ रुपये के नोट लोगों के पास

    भारतीय रिजर्व बैंक ने बताया 2000 रुपये के 98% नोट वापस आ चुके, लेकिन 7,117 करोड़ रुपये के नोट लोगों के पास

    इस शेयर ने निवेशकों की भर दी झोली, एक साल में दिया 336 रुपए का रिटर्न, अब की डिविडेंट की घोषणा

    इस शेयर ने निवेशकों की भर दी झोली, एक साल में दिया 336 रुपए का रिटर्न, अब की डिविडेंट की घोषणा
    Translate »
    error: Content is protected !!