लखनऊ : यूपी की राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने शुक्रवार को राजभवन प्रज्ञा कक्ष में लखनऊ के चिकित्सा विश्वविद्यालयों और संस्थान के नवाचार प्रेजेंटेशन को देखा. उन्होंने अस्पतालों में चिकित्सा के दौरान मरीजों और तीमारदारों की सुविधाओं और व्यवस्थाओं को आसान करने, गंभीर रोगियों को शीघ्र और निकटतम हॉस्पिटल उपलब्ध कराने की तकनीकी और आर्थिक व्यवस्थाओं पर चर्चा की.
राज्यपाल ने बैठक में सभी अस्पतालों में टेली मेडिसिन की व्यवस्था को विकसित करने पर जोर दिया. इससे अस्पताल चिकित्सा विश्वविद्यालयों और एसजीपीजीआई जैसे संस्थानों से जुड़कर स्थानीय स्तर पर ही गंभीर रोगियों को तत्काल चिकित्सा एवं मेडिसिन का बेहतर परामर्श उपलब्ध कराकर कारगर इलाज कर सकें. उन्होंने चिकित्सा विश्वविद्यालयों और संस्थानों में आईसीयू में भर्ती मरीजों की स्थिति की जानकारी, टेस्टिंग लैब में मरीज की क्रम संख्या, बिलिंग काउंटर पर टोकन नंबर प्रदर्शित करने वाले रनिंग डिस्पले बोर्ड की व्यवस्था कराने को कहा. इससे अनावश्यक भीड़ और परेशानियों से बचा जा सके.
चिकित्सा परिसर की आंतरिक व्यवस्थाओं पर चर्चा करते हुए राज्यपाल जी ने केजीएमयू के क्षतिग्रस्त मार्गों, भवनों में टूट-फूट तथा पुरानी सीढ़ियों की मरम्मत कराने को कहा. उन्होंने चिकित्सा विश्वविद्यालयों में प्राइवेट वार्ड की व्यवस्थाओं को दुरूस्त और सुविधा सम्पन्न कराने का निर्देश भी दिया. उन्होंने कहा कि चिकित्सा परिसर का मेन्टीनेंस, वार्डों तथा शौचालयों आदि की साफ-सफाई को किसी एजेंसी के माध्यम से भी कराया जा सकता है, जिसके बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे.
उन्होंने कहा कि जो चिकित्सक सुबह चिकित्सा वार्डों में राउंड करते हैं, उन्हीं द्वारा वार्ड की साफ-सफाई का निरीक्षण भी करने की व्यवस्था बनाई जाए. हॉस्पिटल में नवीन व्यवस्थाओं, उपकरणों जांच सुविधाओं की वृद्धि पर चर्चा करते हुए राज्यपाल जी ने यथासंभव व्यवस्थाएं पीपीपी मोड पर चलाने को कहा. उन्होंने कहा चिकित्सा संस्थान रेवेन्यू उपार्जन क्षमता में भी वृद्धि करें. राज्यपाल जी ने कहा कि बड़े आयकर दाताओं को चिकित्सा सुविधाओं में विस्तार के लिए चैरिटी हेतु आमंत्रित करने पर भी विचार करें. उन्होंने चिकित्सा विश्वविद्यालयों और संस्थान के पुराने छात्रों से प्राप्त की जा सकने वाली सहायताओं को सूचीबद्ध करने और उसके अनुसार परिसर की व्यवस्थाओं में सहयोग प्राप्त करने को कहा.
राज्यपाल ने बैठक में कहा कि अपने संस्थान में विकसित नवीन और बेहतर जनोपयोगी चिकित्सा विधियों को अन्य विश्वविद्यालयों से भी साझा करें. जिससे बड़े स्तर पर प्रदेश की जनता लाभ प्राप्त कर सके. उन्होंने शोध कार्यों का पेटेंट कराने और उसे उपयोग में लाने संबंधी विषय पर भी चर्चा की. चिकित्सा विद्यार्थियों के लिए परिसर में शैक्षिक गतिविधियों पर चर्चा करते हुए राज्यपाल ने छात्रों को व्यवस्थाओं से जोड़ने तथा उनके लिए शिक्षणेत्तर गतिविधियों को भी आयोजित कराने को कहा.
बैठक में राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता, कुलपति किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ डॉ (जनरल) विपिन पुरी, कुलपति अटल बिहारी वाजपेई चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ डॉ एके सिंह, निदेशक संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ डॉ आरके धीमान, निदेशक डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ डॉ सोनिया नित्यानंद सहित डॉ उमा सिंह, डॉ गौरव अग्रवाल, डॉ अक्षय अग्रवाल तथा अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे.