इंदौर: बड़े भाग्यशाली हो, जो आपको हरि के आंगन में हर की कथा सुनने का अवसर मिल रहा है। जब पुण्य फलित होते हैं तो ऐसा दुर्लभ अवसर आता है। शिव की कथा एक बार मन में उतार लो तो कहीं भटकना नहीं पड़ेगा। एक संत का संकल्प साकार करने की भावना से कथा का आयोजन हो रहा है। यह संकल्प तो साकार होना ही है। भगवान विष्णु के चौबीस अवतारों के साथ अब ग्यारह रुद्रावतारों के मंदिर का निर्माण किया जाना है। कलियुग में एक लोटा जल चढ़ाने से ही महादेव प्रसन्न हो जाते हैं।
यह बात पं. प्रदीप मिश्रा (सीहोर वाले) ने चौबीस अवतार महातीर्थ परिसर देपालपुर में कही। वे चौबीस अवतार मंदिर ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित सात दिनी शिव महापुराण कथा के पहले दिन संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा- आप जिस भूमि पर कथा सुन रहे हैं, यह सामान्य नहीं है। यहां भगवान विष्णु चौबीस अवतार मंदिर में माता लक्ष्मी के साथ विराजित हैं। यहां लक्ष्मी-नारायण का मंदिर है। वे क्षीरसागर में विराजित हैं, इसलिए यह स्थान क्षीरसागर के समान हो गया है। कोई पूछे कि सात दिन कहां जा रहे हो तो कह देना क्षीरसागर में कथा सुनने जा रहे हैं। इस मौके पर ट्रस्ट अध्यक्ष मनोज पटेल, सचिव चिंटू वर्मा, राधेश्याम उस्ताद, रमेश मंडलोई आदि उपस्थित थे। कथा 15 मार्च तक प्रतिदिन शाम 4 से 7 बजे तक होगी।
विश्वास से होती है व्यक्ति की उन्नति – पं. मिश्रा ने कहा कि विश्वास से व्यक्ति उन्नति की सीढ़ी चढ़ता है, जबकि अंधविश्वास उसे गिरा देता है। शंकरजी पर पक्का विश्वास करोगे तो वे अवश्य आपकी बात सुनेंगे। हम सतयुग, त्रेता युग या द्वापर युग में नहीं, कलियुग में हैं। आस्था से महादेव को एक लोटा जल चढ़ाना ही पर्याप्त है। हर दिन नहीं तो हर सोमवार और हर सोमवार नहीं तो प्रदोष या फिर मासिक शिवरात्रि पर ही जल अर्पित करें। आप उनके घर जाएंगे, तो वे भी आपके घर अवश्य आएंगे।
बताया नामकरण का स्थान – पं. मिश्रा ने कहा कि भूमि का विशेष महत्व होता है। नामकरण का भी एक स्थान हमारे शास्त्रों में बताया गया है। नामकरण के लिए श्रेष्ठ स्थान गोशाला है। उस स्थान को गोबर से लीपा जाता है। इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है। वह संस्कारित होता है। जिस स्थान पर भगवत श्रवण, कीर्तन होता हो, वह स्थान साधारण नहीं होता है।
बद्रीनारायण में होनी थी कथा – पं. मिश्रा ने कहा कि हरि के आंगन में हर की कथा दो साल पहले बद्रीनारायण में होनी थी, लेकिन यह आपका-हमारा सौभाग्य है कि यहां हो रही है। यह कथा हम, तुम और आयोजन समिति नहीं कर रही है। महादेव की कथा भगवान विष्णु को सुननी थी, इसलिए इस स्थान पर हो रही है। शिवकृपा से मानव का कल्याण हो जाता है।