उज्जैन। बाबा महाकालेश्वर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं. दूर-दूर से श्रद्धालु यहां उनके दर्शन करने के लिए आते हैं. मान्यताएं हैं कि बाबा महाकाल के दरबार से कोई खाली हाथ नहीं गया है, यहां सभी की मनोकामना पूर्ण होती है. बाबा महाकाल की रोज तड़ते भस्म आरती होती है और इससे पहले बाबा महाकाल का श्रृंगार किया जाता है. उन्हें विभिन्न प्रकार के भोग लगाए जाते हैं. भस्म आरती में हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं और बाबा के स्वरूप के दर्शन करते हैं. आप भी घर बैठे बाबा के नए स्वरूप के दर्शन करें.
बाबा महाकाल का पंचामृत अभिषेक
महाशिवरात्रि पर्व के समापन के बाद बाबा महाकाल के दरबार में 44 घंटे बाद सुबह होने वाली भस्म आरती प्रारंभ हुई, जिसमें भगवान शिव का भांग से श्रृंगार किया गया. भगवान महाकाल का विभिन्न प्रकार की सामग्रियों से पंचामृत अभिषेक किया गया.
बाबा महाकाल का भांग से श्रृंगार
बाबा महाकाल को भस्मी अर्पित करने से पहले पंडे पुजारियों द्वारा भांग से श्रृंगार किया गया. इसके बाद भगवान महाकाल को महानिर्वाणी अखाड़े के संतो द्वारा रश्मि अर्पित की गई. इसके पश्चात पंडे पुजारियों द्वारा भगवान महाकाल का श्रृंगार किया गया. श्रृंगार में आज भगवान महाकाल को चंदन का टीका लगाया गया, वहीं भगवान महाकाल को पीले फूलों से सजाया गया. कानों में डायमंड के कुंडल पहनाए गए.