भोपाल। मध्यप्रदेश में साल 2013 में सामने आए व्यापमं घोटाला मामले में गुरूवार को चार्जशीट पेश की गई. स्पेशल कोर्ट में पेश की गई इस चार्जशीट में 160 लोगों के नाम शामिल हैं. इन सभी को अब कोर्ट के सामने पेश होना पड़ेगा. व्यापमं मामले में साल 2009 में इंदौर पुलिस ने पीएमटी एंट्रेस एग्जाम में 20 ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया था जो अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा देने आए थे. इस मामले से ही पूरे घोटाले के मास्टरमाइंड डॉक्टर जगदीश सागर का नाम सामने आया था. जिसके बाद घोटाले की जांच पहले SIT और फिर CBI की सौंपी गई.
चार्जशीट में SIT के 79 और CBI ने 81 लोगों को बनाया आरोपी
एमपी के बहुचर्चित व्यापम घोटाला मामले में सीबीआई ने गुरूवार को स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट पेश की. चार्जशीट में कुल 160 लोगों को आरोपी बनाया गया है. जिसमे 79 आरोपी वे है जिन्हें पहले जांच कर रही है एसटीएफ ने आरोपी बनाया था इसके अलावा 81 नए लोगों को सीबीआई ने आरोपी बनाया है. विशेष न्यायाधीश नीति राज सिसोदिया की कोर्ट में पेश की गई चार्जशीट में 1 पूर्व नियंत्रक व्यापम, 2 डीएमई, 3 मेडिकल कॉलेज के 16 लोग. इनमें 3 संचालक और प्रवेश कमेटी से जुड़े 13 लोगों के नाम शामिल हैं. यह चार्जशीट IPC की धारा 419,420,67,68,71 के अलावा IT एक्ट की धारा 65, 43 और मध्यप्रदेश के मान्यता प्राप्त अधिनियम की धाराओं में प्रस्तुत की गई है.
22 फरवरी से 12 मार्च तक होगी पेशी
जिन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की गई उन्हें कोर्ट में पेश होने के लिए कोरोना गाइडलाइन का भी पालन करना होगा. इसलिए सभी 160 लोगों को 22 फरवरी से 12 मार्च तक अलग अलग तारीख पर पेश होना होगा. जिसके लिए सीबीआई कोर्ट ने अलग-अलग दिन और तारीख पर न्यायालय में उपस्थित होने के लिए पत्र जारी कर दिए गए हैं.
इंजन-बोगी सिस्टम से कराते थे नकल
पीएमटी एंट्रेंस एग्जाम मेंये लोग इंजन बोगी सिस्टम से नकल कराते थे. इसमे एक सॉल्वर जो अभ्यार्थी बन कर परीक्षा में शामिल होता है और वह परीक्षा देने वाले ऑरिजनल अभ्यार्थी की जगह परीक्षा देता है. सॉल्वर खुद पेपर सॉल्व करते समय ही अपने पीछे बैठे लोगों को भी नकल करवाता था. जिसके लिए रोल नंबर से लेकर सीटिंग अरेंजमेंट तक सब इस तरह से आयोजित किया जाता था, जिससे सबसे आगे बैठे सॉल्वर को इंजन और वह अपने पीछे बैठे अन्य अभ्यर्थी को बोगी कहा जाता था. इंजन उन सभी को नकल करवाता था.