इंदौर। साफ-सफाई में नंबर वन इंदौर स्वच्छ भारत अभियान के तहत सफलता की नई इबारत लिख रहा है. देश के सबसे साफ शहरों में इंदौर लगातार 5 साल से रिकॉर्ड बना रहा है. इसके साथ ही अब इंदौर कचरे से उच्च कोटि की सीएनजी गैस तैयार करके शहर के लोक परिवहन को भी प्रदूषण मुक्त करने जा रहा है. इंदौर नगर निगम ने यूरोप और यूके की एक कंपनी के साथ मिलकर यहां एशिया का सबसे बड़ा बायो मीथेन प्लांट स्थापित किया है. इसका शुभारंभ 19 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे.
तैयारियों में जुटा प्रशासनिक अमला
बायो मीथेन प्लांट की स्थापना 2 साल पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी. प्लांट के शुभारंभ के साथ ही इंदौर देश का पहला ऐसा शहर होगा जो गीले और सूखे कचरे का सफल निष्पादन करते हुए कचरे से भी करोड़ों की कमाई करेगा. नगर निगम की कमिश्नर प्रतिभा पाल ने बताया कि ये संयंत्र रोज 18 हजार लीटर बायो सीएनजी के साथ-साथ 100 टन अच्छी गुणवत्ता वाली सिटी कम्पोस्ट भी तैयार करेगा. शहर की 400 डीजल बसों के स्थान पर इतनी ही नई सीएनजी से चलने वाली बसें चलाई जाएंगी.
कई शहरों की पड़ताल के बाद इंदौर को चुना
भारत सरकार के साथ यूरोप और यूके की ज्वाइंट वेंचर वाली कंपनी एनवायरन ने भारत में उन शहरों की पड़ताल की थी जहां प्लांट को सफलतापूर्वक चलाया जा सके और जहां गीले और सूखे कचरे का सैरीगेशन प्लांट की जरूरत के माध्यम से होता हो. देश के कई शहरों से एकत्र किए गए 200 सैंपल के बाद जब इंदौर के कचरे के सैंपल से मिलान किया गया तो इंदौर के गीले कचरे में 99% शुद्धता पाई गई. जिसके बाद 2 साल पहले कंपनी ने यहां प्लांट लगाने की सहमति देते हुए यहां ट्रेंचिंग ग्राउंड परिसर में प्लांट की स्थापना की. जब यहां टेस्टिंग के दौरान कचरे से बायो मीथेन और सीएनजी गैस बनाई गई उसकी शुद्धता भी सर्वाधिक 96% पाई गई.
कचरे से करोड़ों की कमाई करेगा नगर निगम
इंदौर में ट्रेंचिंग ग्राउंड स्थित 15 एकड़ में डेढ़ सौ करोड़ रुपये की लागत से एशिया का सबसे बड़ा बायो नेचुरल गैस सीएनजी प्लांट तैयार किया गया है. इस प्लांट से रॉयल्टी के बतौर इंदौर नगर निगम को हर साल करोड़ों रुपए प्राप्त होंगे और इससे सरकार का करोड़ों रुपये का राजस्व भी बचेगा. इसके अलावा जो गैस यहां तैयार होगी वह एग्रीमेंट के अनुसार बाजार भाव से 5 रुपए कम की दरों पर इंदौर नगर निगम को दी जाएगी. यह प्लांट 2 साल में बनकर तैयार हुआ है जिसकी स्थापना मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका शुभारंभ करने जा रहे हैं.
कचरे का 100 फीसदी निष्पादन करने वाला शहर
गीले कचरे का निस्तारण हमेशा से सबसे बड़ी समस्या रही है. लेकिन इंदौर देश का एकमात्र शहर है जहां प्रतिदिन निकलने वाला 600 टन गीला कचरा अब पूरी तरीके से मीथेन गैस में तब्दील करके इंधन के रूप में उपयोग किया जाएगा. इसके अलावा सूखे कचरे से अलग-अलग एग्रीगेशन के बाद विभिन्न उत्पाद बनाए जा रहे हैं, जो बाजार भाव से शहर में बेचे जा रहे हैं. जिससे नगर निगम को हर साल करोड़ों रुपए प्राप्त हो रहे हैं.