इंदौर। प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में इस साल नए शिक्षा सत्र से हिंदी में भी पढ़ाई की शुरुआत की जा रही है. इसके लिए मेडिकल कॉलेजों ने अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं. हिंदी में पढ़ाई के लिए मेडिकल परीक्षा के प्रथम साल का पाठ्यक्रम भी हिंदी में तैयार किया जा रहा है. वहीं प्रथम वर्ष के कोर्स का कुछ भाग हिंदी में होगा, लेकिन इसमें अंग्रेजी के आसान शब्दों का भी उपयोग किया जा सकेगा.
परीक्षा में हिंदी विषय का रहेगा विकल्प
राज्य शासन ने मेडिकल की परीक्षा में हिंदी को प्राथमिकता देते हुए इस वर्ष से कोर्स के पहले साल की पढ़ाई हिंदी में भी करने की सुविधा प्रदान की है. अब मेडिकल कॉलेजों के शिक्षण क्षेत्र में भी माना जा रहा है कि दुनिया भर के जो श्रेष्ठ मेडिकल कॉलेज हैं, वे भी मेडिकल की परीक्षाएं अपनी मातृभाषा में करा रहे हैं. लिहाजा केंद्रीय चिकित्सा बोर्ड और राज्य की शिवराज सरकार इस साल से मेडिकल के फर्स्ट ईयर की परीक्षा में हिंदी विषय को भी विकल्प के तौर पर रखने जा रही है. इससे माना जा रहा है कि मेडिकल के उन छात्रों को सुविधा मिल सकेगी जो हिंदी माध्यम से पढ़कर मेडिकल में प्रवेश किए हैं.
इंदौर में की थी शिवराज सिंह ने घोषणा
हाल ही में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर अपने संबोधित में शिवराज सिंह चौहान ने यह घोषणा की थी. इसके बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने भी इस आशय के संकेत के साथ तैयारियों संबंधी जानकारी दी थी. अब पढ़ाई का मॉडल तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाई जा रही है, जो पाठ्यक्रम भी तैयार करेगी. हिंदी में पढ़ाई के लिए संबंधित छात्र के पास परीक्षा देने का विकल्प रहेगा. वह अपनी सुविधा के अनुसार अंग्रेजी और हिंदी में परीक्षा दे सकेगा. सरकार का मानना है कि हिंदी में पढ़ाई संबंधी फैसले से गरीब ग्रामीण और आदिवासी पृष्ठभूमि के विद्यार्थियों का मेडिकल परीक्षा और प्रदर्शन में आत्मविश्वास बढ़ेगा. लिहाजा विशेषज्ञों की समिति की रिपोर्ट आते ही प्रदेश के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी में भी पढ़ाई शुरू हो जाएगी.