वयोवृद्ध उद्योगपति राहुल बजाज का पुणे में निधन हो गया. 83 साल के राहुल बजाज ने अप्रैल 2021 में भारत की दिग्गज कंपनी बजाज ऑटो के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था.
1938 में जन्मे उद्योग जगत की जानी मानी हस्ती और राज्यसभा सदस्य रहे राहुल बजाज को 2001 में उद्योग एवं व्यापार क्षेत्र में उनके कार्यों के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. इसके अलावा उन्हें फ्रांस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से भी नवाजा गया था. बात उनके राजनीतिक सफर की हो या उद्योग क्षेत्र की, वह कई बार अपनी बेबाकी के लिए काफी चर्चा में रहे.
राहुल बजाज ने अमित शाह के 2019 के कार्यक्रम में जो बात कही थी, उसे लेकर काफी चर्चा में रहे थे. दरअसल उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री शाह से कहा था कि ‘जब सत्ता में यूपीए थी तो हम आलोचन कर सकते थे, लेकिन आपकी आलोचना करें तो आप इसे पसंद नहीं करेंगे.’ बजाज ऑटो के चेयरमैन यहीं नहीं रुके उन्होंने यहां तक कहा कि मौजूदा सरकार ने इस देश में डर व अनिश्चित्ता का माहौल बना दिया है. लोग खुलकर अपनी बात नहीं रख पा रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि उद्योगपतियों मे विश्वास की कमी है.
उद्योग जगत के दिग्गज ने कहा था, डर का माहौल है. निश्चित रूप से यह हमारे मन में है. आप यानी सरकार अच्छा काम कर रही है, लेकिन इसके बावजूद हमारे पास यह भरोसा नहीं है कि आप आलोचना को खुले मन से लेंगे.’
इस मौके पर गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल मौजूद थे. हालांकि, आरपी-संजीव गोयनका समूह के चेयरमैन संजीव गोयनका ने इसी कार्यक्रम में कहा था कि उद्योगपतियों में किसी तरह का भय नहीं है. उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार की इस बात के लिए सराहना की कि वह विकास का लाभ आम आदमी तक पहुंचाने के लिए कदम उठा रही है.
गौरतलब है कि राहुल बजाज 1968 में बजाज ऑटो में एक कार्यकारी अधिकारी के रूप में शामिल हुए थे. राहुल बजाज भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एक उद्योगपति और मोहनदास करमचंद गांधी के प्रमुख समर्थक जमनालाल बजाज के पोते थे.