स्वर कोकिला लताजी की अंतिम यात्रा में उमड़ा जन सैलाब, पीएम मोदी पहुंचे मुंबई

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मुंबई : भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर का 92 साल की उम्र में निधन हो गया. उनकी हालत काफी नाजुक थी. उन्हें दोबारा वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया था. गायिका को आठ जनवरी को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लता मंगेशकर का पार्थिव शरीर अस्पताल से अंतिम दर्शन के लिए उनके निवास पर रखा गया है. उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी हस्तियां पहुंच रही हैं. महानायक अमिताभ बच्चन ने ‘प्रभुकुंज’ स्थित लता दीदी के आवास पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. श्रद्धा कपूर, अनुपम खेर, जावेद अख्तर ने लता दीदी के घर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी.

आज शाम 6.30 बजे शिवाजी पार्क में भारत रत्न लता मंगेशकर का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा. इससे पहले, मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल के डॉ. प्रतीत समदानी ने आज बयान जारी कर कहा कि रविवार सुबह 8:12 मिनट पर लता मंगेशकर का निधन हो गया है. उनके शरीर के कई अंग खराब हो गए थे. उनका इलाज काफी दिनों से अस्पताल में चल रहा था. वहीं, उनकी छोटी बहन उषा मंगेशकर ने भी बताया कि महान गायिका कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई थीं और उन्हें बीमारी के मामूली लक्षण थे.

उन्होंने कहा कि आठ जनवरी को लता मंगेशकर को ब्रीच कैंडी अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टर प्रतीत समदानी और उनकी टीम की देखरेख में उनका इलाज चल रहा था. मंगेशकर की हालत में सुधार हुआ था और वेंटिलेटर हटा दिया गया था, लेकिन शनिवार को उनका स्वास्थ्य फिर बिगड़ गया था.

बता दें कि लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर, 1929 को इंदौर में हुआ था. वह भारत की सबसे लोकप्रिय और आदरणीय गायिका थीं. जिनका छह दशकों का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा पड़ा है. लता जी ने लगभग तीस से ज्यादा भाषाओं में फिल्मी और गैर-फ़िल्मी गीत गाये हैं लेकिन उनकी पहचान भारतीय सिनेमा में एक पार्श्वगायक के रूप में रही है. अपनी बहन आशा भोंसले के साथ लता जी का फ़िल्मी गायन में सबसे बड़ा योगदान रहा है. लता की जादुई आवाज के भारतीय उपमहाद्वीप के साथ-साथ पूरी दुनिया में दीवाने हैं. लता दीदी को भारत सरकार ने ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया है.

लता का जन्म इंदौर में हुआ था लेकिन उनकी परवरिश महाराष्ट्र मे हुई थी. वह बचपन से ही गायक बनना चाहती थीं. पिता की मृत्यु के बाद (जब लता सिर्फ़ तेरह साल की थीं), लता को पैसों की बहुत किल्लत झेलनी पड़ी और काफी संघर्ष करना पड़ा था. उन्हें अभिनय बहुत पसंद नहीं था लेकिन पिता की असामयिक मृत्यु की वज़ह से पैसों के लिये उन्हें कुछ हिन्दी और मराठी फ़िल्मों में काम करना पड़ा था. उन्होंने काफी संघर्ष के बाद संगीत की दुनिया में एक अलग मुकाम बनाया था. लता दीदी के निधन से आज पूरे देश में शोक की लहर है.

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