आम बजट 2022-23 में मध्यप्रदेश को केन-बेतवा लिंक के लिए काफी कुछ मिला है। इस प्रोजेक्ट पर कुल 44 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। जिसमें से 1400 करोड़ रुपए मंगलवार को केंद्र सरकार ने दे दिए। इसकी घोषणा बजट भाषण के दौरान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने की। उन्होंने इस प्रोजेक्ट के विस्तार की घोषणा भी की। अब प्रोजेक्ट में 5 और नदियों को जोड़ा जाएगा। साथ ही वित्तमंत्री ने MP से जुड़ी एक और घोषणा भी की। उन्होंने बताया इटारसी से विजयवाड़ा तक रेलवे का उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर बनाया जाएगा। जिसका नाम भाड़ा कॉरिडोर प्रोजेक्ट होगा। ये प्रोजेक्ट जून 2022 में शुरू होगा और 2030 तक इसे पूरा कर लिया जाएगा।
केन-बेतवा लिंक परियोजना से सबसे ज्यादा फायदा बुंदेलखंड क्षेत्र को होगा। जिसमें मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के 13 जिले आते हैं। इनमें मध्यप्रदेश के 9 जिले पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी और रायसेन आते हैं, वहीं उत्तरप्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर जिले हैं।
बुंदेलखंड क्षेत्र UP और MP में फैला हुआ है। केन-बेतवा इंटरलिंक प्रोजेक्ट की मदद से बुंदेलखंड में सिंचाई, पीने के पानी की कमी दूर हो सकेगी। मार्च 2021 में केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय और मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश सरकार के बीच केन-बेतवा लिंक परियोजना का एग्रीमेंट साइन हुआ था।
44,605 करोड़ के बजट का प्रावधान
केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए 44,605 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है। केंद्रीय कैबिनेट ने 39,317 करोड़ रुपए की राशि को मंजूरी दे दी है। इसमें से 1400 करोड़ रुपए दे भी दिए हैं। 36,290 करोड़ रुपए केंद्र सरकार अनुदान के तौर पर देगी, 3027 करोड़ रुपए का लोन देगी।
जानिए, केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट
केंद्र सरकार ने नदियों को जोड़ने के लिए नेशनल पर्सपेक्टिव प्लान बनाया था। केन-बेतवा लिंक परियोजना प्लान का पहला प्रोजेक्ट है। केन नदी का पानी बेतवा नदी में ट्रांसफर किया जाएगा। दोनों नदियों को जोड़ने के लिए 221 किलोमीटर लंबी केन-बेतवा लिंक नहर बनाई जाएगी। जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार:
- केन-बेतवा लिंक से सालाना 10.62 लाख हेक्टेयर जमीन की सिंचाई हो सकेगी।
- 62 लाख लोगों को पीने का पानी भी मिलेगा।
- 103 मेगावॉट हाइड्रोपॉवर और 27 मेगावाट की क्षमता वाला सोलर प्लांट भी बनाया जाएगा।
- केन-बेतवा लिंक परियोजना में दो बिजली प्रोजेक्ट भी प्रस्तावित हैं, जिनकी कुल स्थापित क्षमता 72 मेगावॉट है।
पन्ना टाइगर रिजर्व का बड़ा हिस्सा डूब जाएगा
केन-बेतवा प्रोजेक्ट से टाइगर रिजर्व व घड़ियाल सेंचुरी पर बुरा असर पड़ने की आशंका भी जाहिर की जा रही है। केन नदी पन्ना टाइगर रिजर्व से होकर गुजरती है। दोनों नदियों (केन और बेतवा) की इंटरलिंकिंग से टाइगर रिजर्व का बड़ा हिस्सा पानी में डूब जाएगा। केन की कुल लंबाई 427 किमी है। ग्राम ढोढन (पन्ना) में जहां बांध बन रहा है, वहां से केन नदी की डाउन स्ट्रीम की लंबाई 270 किमी है। बांध की कुल लंबाई 2031 मीटर है। जिसमें कंक्रीट डैम का हिस्सा 798 मीटर और मिट्टी के बांध की लंबाई 1233 मीटर है। बांध की ऊंचाई 77 मीटर है। ढोढन बांध से बेतवा नदी में पानी ले जाने वाली लिंक कैनाल की लंबाई 220.624 किमी होगी। बांध का डूब क्षेत्र 9 हजार हेक्टेयर है। इसका 90% से भी अधिक क्षेत्र पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में आता है। 105 वर्ग किमी का कोर एरिया, जो छतरपुर जिले में है, डूब क्षेत्र के कारण विभाजित हो जाएगा। इस प्रकार कुल 197 वर्ग किमी से अधिक क्षेत्र डूब और विभाजन के कारण नष्ट हो जाएगा।
खजुराहो में घड़ियाल सेंचुरी को नुकसान
पन्ना टाइगर रिजर्व के अलावा छतरपुर जिले में स्थित केन घड़ियाल सेंचुरी को भी इस परियोजना के कारण बड़ा नुकसान बताया जा रहा है। केन घड़ियाल सेंचुरी खजुराहो के पास केन नदी पर बने रनेह फाल के आगे स्थित है। ढोढन गांव में बांध बनाया जा रहा है। इस बांध के आगे जाकर रनेह फाल के बाद घड़ियाल सेंचुरी शुरू होती है। यह बरियारपुर बांध तक जाती है। वैसे ही बारिश कम होने से यहां नदी में पानी कम रहता है। अब ढोड़न बांध बनने के बाद यहां पानी बेहद कम हो जाएगा। यह घड़ियालों के रहवास के लिए घातक माना जा रहा है।
विदिशा में बनेंगे 4 बांध, शिवपुरी और सागर में भी बनेंगे डैम
प्रोजेक्ट के पहले फेज में केन नदी पर ढोड़न गांव के पास बांध बनाकर पानी रोका जाएगा। यह पानी नहर के जरिए बेतवा नदी तक पहुंचाया जाएगा। दूसरे फेज में बेतवा नदी पर विदिशा जिले में 4 बांध बनाए जाएंगे। बेतवा की सहायक बीना नदी (जिला सागर) और उर नदी (जिला शिवपुरी) पर भी बांधों का निर्माण किया जाएगा।