इंदौर :श्री गोविंदराम सेकसरिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस कॉलेज के विद्यार्थियों ने मिलकर एक नया इनोवेशन किया है। इन स्टूडेंट्स ने तीन पहिए की कार तैयार की है जो बैटरी से चलती है। डेढ़ महीने में ही ये कार बनकर तैयार हो गई। अब इस कार का इस्तेमाल कॉलेज में आने वाले गेस्ट्स को कैंपस में राइड के लिए किया जाएगा। तीन पहिए की यह कार एनवायरमेंट फ्रेंडली है। इसे तैयार करने में 1 लाख 20 हजार रुपए लगे हैं।
डेढ़ माह में तैयार हुई इस कार की फिलहाल टेस्टिंग जारी है। कार की कुछ कमियों को टेस्टिंग के साथ ही दूर किया जा रहा है। इस कार को स्टूडेंट्स कॉलेज के डायरेक्टर विंग में रखेंगे। कॉलेज डायरेक्टर डॉ. आरके सक्सेना ने बताया कि कैंपस को इक्रो फ्रैंडली बनाने का प्रयास किया जा रहा है। स्टूडेंट्स को ये कार तैयार करने के लिए मोटिवेट किया और उन्होंने ये कार तैयार की। इस कार से कॉलेज में आने वाले VIP को कैंपस राइड कराई जाएगी।
कैंपस में कार के साथ स्टूडेंट्स।
8 स्टूडेंट्स और 2 पास आउट स्टूडेंट्स ने किया तैयार
इस कार को कॉलेज पास आउट दो स्टूडेंट्स ने जिनमें कल्पिश चौधरी, देव्यांश मंगल व कॉलेज में अलग-अलग ईयर में पढ़ने वाले अक्षत सिन्हा, अमनदीप सिंह, जागृति बोरिले, वंशिका त्रिपाठी, श्रेष्ठा चंद्रा, आयुष गुप्ता, अमित पालीवाल, तनिषा अग्रवाल के अलावा फैकल्टी रवि जटोला और कॉलेज डायरेक्टर आरके सक्सेना के मार्गदर्शन में तैयार किया गया है। इस कार को स्टूडेंट्स ने केविन कार नाम दिया है। दिसंबर महीने से कार को बनाना शुरू किया गया था और 30 जनवरी इसकी डेडलाइन रखी थी।
कार में ये चीजें हुई इस्तेमाल
कार में 48 वाट की बैटरी लगी है और 36 ah है। साथ ही 750 वाट की मोटर लगी है। कार के पिछले हिस्से में बाइक के ट्यूब लैस टायर का इस्तेमाल किया गया है। क्योंकि कार में पूरा वेट पीछे वाले हिस्से पर आता है। जबकि कार के अगले हिस्से में दो छोटे टायर लगे है। स्टूडेंट्स का कहना है कि इससे कार का बैलेंस बना रहता है और टर्न करते वक्त कार के पलटने का खतरा नहीं रहता। कार में पिछला टायर 22 इंच का है, जबकि अगले दोनों टायर 20 इंच के है। कार में एक यूटिलिटी बॉक्स भी लगाया गया है। कार में दो सीट लगी है, जिसे स्टूडेंट्स ने ही तैयार किया है। कार को रोकने के लिए ड्रम ब्रेक लगा है।
कार की जारी है टेस्टिंग, जल्द दूर होगी छोटी–छोटी दिक्कतें
स्टूडेंट्स ने बताया कि कार की टेस्टिंग जारी है। कार में कुछ छोटी-छोटी दिक्कतें है। जिन्हें दूर किया जा रहा है। जल्द ही यह कार पूरी तरह से तैयार हो जाएगी और यहां आने वाले गेस्ट इस कार से कैंपस राइड कर सकेंगे। कार पूरी तरह से ओपन है जिससे विजिबिलिटी अच्छी रहेगी और कैंपस आसानी से कार में बैठ-बैठे देखा जा सकेगा। कल्पिश चौधरी ने बताया कि कार में कुछ-कुछ इक्विपमेंट्स डिजाइन किए है और कुछ इक्विपमेंट्स बाहर से लाए है। स्टीयरिंग भी हमने कुछ ही डिजाइन की है। कॉलेज कैंपस के अंदर ही पूरी कार को डिजाइन किया है। कील स्विच बटन भी लगाया है। 180 से 200 किलो की वजन कार उठाकर चल सकती है।