भोपाल। जहां एक ओर देश कोरोना महामारी से लड़ रहा है वहीं, बढ़ती महंगाई को देखते हुए आम आदमी केंद्र सरकार से लगातार बजट में राहत की उम्मीद कर रहा है. इसी कड़ी में प्रदेश के मध्यम वर्ग और नौकरी पेशा वाले लोगों को इनकम टैक्स स्लैब को बढ़ाए जाने की उम्मीद है. इसके साथ ही, केंद्र सरकार से कर विसंगतियों को दूर करने की मांग भी की जा रही है.
बढ़ती महंगाई, घटती आमदनी
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2022 को आम बजट पेश करेंगी. जिसको देखते हुए आम जनता बजट से काफी उम्मीद लगाए बैठी है. भोपाल निजी फर्म के संचालक विजय गुप्ता का कहना है कि, महंगाई लगातार बढ़ रही है और आमदनी घटती जा रही है. कोरोना काल के चलते अभी आर्थिक स्थिति पूरी तरह से सुधरी नहीं है. उनका कहना है कि, रोटी, कपड़ा ,मकान और दवाइयों जैसी जरूरत पूरी करने के लिए सरकार को इनकम टैक्स स्लैब में राहत देना चाहिए.
इतनी बढ़े आमदनी
चार्टर्ड अकाउंटेंट का कहना है कि, सरकार से इनकम टैक्स स्लैब को बढ़ाने के लिए बार-बार अनुरोध किया गया है. सरकार को इनकम टैक्स में 5 लाख रुपए तक की आमदनी पर पूरी तरह से छूट देनी चाहिए. साथ ही सेक्शन 87 के तहत छूट का दायरा अलग से दिया जाना चाहिए. सीए राजेश जैन के अनुसार, अभी 5 लाख से अधिक आय होने पर 12500 से 13000 रुपए टैक्स देना पड़ता है. लेकिन 5 लाख से यदि 10 रुपए भी अधिक आमदनी होती है तो ₹12000 टैक्स देना पड़ रहा है. सरकार को इस पर विसंगति को दूर करते हुए 5 लाख से अधिक जितनी आमदनी बढ़ रही है, उस पर टैक्स लगना चाहिए. फिर भले ही वह तो 100 प्रतिशत ही क्यों ना हो.
बढ़े छूट का दायरा
सीए राजेश जैन के मुताबिक महंगाई को देखते हुए, नौकरी पेशा लोगों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट ₹50000 से आगे बढ़ाई जानी चाहिए. इसके साथ ही छोटी बचत को बढ़ावा देने और हाउसिंग लोन के लिए छूट की लिमिट भी बढ़ाई जानी चाहिए.
मध्यम वर्ग का ध्यान रखे सरकार
नौकरी पेशा और मध्यम वर्ग के लोगों का कहना है कि, सरकार बजट में बढ़ती महंगाई को देखते हुए मध्यमवर्ग को टैक्स में छूट पर खास ध्यान दें. राजधानी भोपाल में प्राइवेट नौकरी करने वाले नादिर खान का कहना है कि, मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए सरकार को आयकर में छूट की सीमा बढ़ाने चाहिए. इसको 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख तक किया जाना चाहिए.
राहत की उम्मीद
एक अन्य स्थानीय नवीन चौबे का कहना है कि, पेट्रोल और खाद्य तेल की कीमतों को कम करने के लिए भी सरकार को बजट में कदम उठाने चाहिए. उनका कहना है कि, कोरोना के चलते बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो गए हैं, साथ ही लोगों की आय में गिरावट भी हुई है. ऐसे में लोगों को वित्त मंत्री सीतारमण से राहत की उम्मीद है.