तिल द्वादशी 29 जनवरी को, जानिए इस दिन के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

धर्म-कर्म-आस्था

तिल द्वारा भगवान विष्णु की पूजा करने के कारण माघ कृष्ण द्वादशी को तिल द्वादशी कहते हैं। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का जाप करने से विशेष फल प्राप्त होता है।

इस व्रत को करने से भक्तों को सभी प्रकार का सुख वैभव मिलता है। यह व्रत कलियुग में मनुष्य के समस्त पापों का नाश करने वाला है। इस दिन तिल का दान करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है।

तिल द्वादशी पूजा मुहूर्त
तिल द्वादशी का प्रारंभ 28 जनवरी, शुक्रवार रात 11:36 बजे से होगा और 29 जनवरी, शनिवार रात 8:38 बजे तक रहेगी। पूजा समय 29 जनवरी सुबह 8:33 बजे से 9:55 बजे तक शुभ चौघड़िया रहेगा। पूजा का अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:17 बजे से दोपहर 1:01 बजे तक रहेगा।

ये है तिल द्वादशी की पूजा विधि
– तिल द्वादशी के दिन तांबे के बर्तन में चावल, तिल, जल तथा फूलों को मिलाकर सूर्य मंत्र बोलते हुए अर्घ्य देने के बाद भगवान विष्णु की पूजा करें।
– पूजा के दौरान भगवान विष्णु का तिल मिले जल से अभिषेक कर धूप व दीप जलाकर फल, फूल, चावल, रौली, मौली, से पूजन कर भगवान को तिल से बनी वस्तुओं या तिल तथा गुड़ से बने प्रसाद का भोग लगाएं।
– इस दौरान भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए भक्तों को 108 बार ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए।
– पूजा करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके बैठें। पूजा करने के बाद शाम को कथा सुनने के बाद भगवान की आरती उतारें।
– व्रती को इस दिन गरीब लोगों को दान अवश्य देना चाहिए। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस दिन व्रत और पूजा करने से सभी मनोकामना पूरी होती है।

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