पद्म अवार्ड हासिल करने वाले हस्तियों के बारे में जानें

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उत्तराखंड से इन हस्तियों को मिला पद्म अवार्ड

यहां की चार हस्तियों को पद्म विभूषण सम्मान दिया जाएगा. पिछले साल दिसंबर में देश ने अपने पहले सीडीएस बिपिन रावत को गवां दिया था. उनकी हेलीकॉप्टर क्रैश में मौत हो गई थी. अब उनके शौर्य को सलाम करने के लिए सरकार की ओर से उन्हें मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाएगा. जनरल रावत का जन्म मार्च 1958 में पहाड़ी राज्य उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र के पौड़ी जिले में एक सैन्य परिवार में हुआ था. उनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत एक सेना अधिकारी थे और भारतीय सेना से लेफ्टिनेंट जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए थे. जनरल रावत को 1978 में भारतीय सेना की गोरखा रेजिमेंट में कमीशन दिया गया था और वे पूर्वी सेना कमांडर तत्कालीन वाइस आर्मी चीफ और अंत में दिसंबर 2016 में 26वें सेनाध्यक्ष बने. सितंबर 2019 में उन्हें तत्कालीन वायु सेना प्रमुख बीएस धनोआ के सेवानिवृत्त होने के बाद चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी का 57 वां अध्यक्ष नियुक्त किया गया था और उस वर्ष दिसंबर में देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त किया गया था. जनरल रावत को ऊंचाई वाले युद्ध और उग्रवाद विरोधी अभियानों और अंतरराष्ट्रीय शांति अभियानों में अनुभव था.

हॉकी की हैट्रिक गर्ल वंदना कटारिया को केंद्र सरकार पद्मश्री से सम्मानित करने जा रही है.

आर्ट के क्षेत्र में माधुरी बर्थवाल और सोशल वर्क में बसंती देवी को केंद्र सरकार पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित करेगी.

राजस्थान से इन हस्तियों को मिला पद्म अवार्ड

राजस्थान की पांच हस्तियों को इस बार पद्म अवार्ड से नवाजे जाने की घोषणा हुई है. इनमें पूर्व आईएएस राजीव महर्षि, देवेंद्र झाझड़िया, चंद्रप्रकाश द्विवेदी, अवनी लेखरा और रामदयाल शर्मा को पद्म अवार्ड सम्मानित किया जाएगा

राजीव महर्षि को पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मनित किया जाएगा. पूर्व आईएएस महर्षि प्रदेश के मुख्यसचिव और CAG रह चुके हैं.

देवेंद्र झाझड़िया को पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मनित किया जाएगा. झाझड़िया पैरालंपिक में दो बार के स्वर्ण पदक विजेता रहे हैं. देवेंद्र झाझड़िया ने टोक्यो पैरालंपिक में रजत पदक जीत कर इतिहास रचा था .

चंद्रप्रकाश द्विवेदी को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मनित किया जाएगा.द्विवेदी एक अभिनेता हैं और चाणक्य धारावाहिक में उन्होंने कौटिल्य का किरदार निभाया था. सिरोही में उनका जन्म हुआ था. उन्होंने पिंजर और मोहल्ला अस्सी जैसी फिल्मों का निर्देशन किया है.

रामदयाल शर्मा को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मनित किया जाएगा. शर्मा को कला जगत में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सम्मानित किया जा रहा है.

अवनी लेखरा को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मनित किया जाएगा. शूटर अवनी लेखरा ने इतिहास रचते हुए पहली बार दो मेडल पर निशाने लगाए. अवनी ने इन खेलों में एक गोल्ड और एक कांस्य पदक अपने नाम किया था.

कल्याण सिंह को पद्म विभूषण

राजस्थान के पूर्व राज्यपाल स्वर्गीय कल्याण सिंह को पब्लिक अफेयर्स के क्षेत्र में मरणोपरांत पदम विभूषण से सम्मनित किया जाएगा. कल्याण सिंह को लोक कल्याण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए सम्मानित करने की घोषणा की गई है. वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. भाजपा को यूपी में आगे बढ़ाने का उन्हें श्रेय जाता है. राम मंदिर आंदोलन में उनकी भूमिका अहम थी.

हरियाणा के जैवलिन थ्रोअर सुमित अंतिल को पद्मश्री

टोक्यो पैरा ओलंपिक में देश को स्वर्ण पदक दिलाने वाले जैवलिन थ्रोअर सुमित अंतिल को पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा. बीते साल अगस्त में टोक्यो पैरालंपिक में पुरुषों की भाला फेंक एफ-64 वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने वाले अंतिल ने फाइनल में अपने ही विश्व रिकॉर्ड (62.88 मीटर) को तोड़ते हुए 68.55 मीटर भाला फेंक स्वर्ण पदक जीता था. सुमित अंतिल टोक्यो पैरा ओलंपिक के फाइनल में बेहतरीन फॉर्म में थे. इस ओलंपिक में एक के बाद एक उन्होंने तीन वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़े. पहले उन्होंने 66.95 मीटर दूर भाला फेंक विश्व रिकॉर्ड बनाया, फिर अपनी दूसरी कोशिश में 68.08 मीटर के स्कोर से अपना पहले का वर्ल्ड रिकॉर्ड सुधारा. पांचवीं कोशिश में सुमित अंतिल ने इससे भी बेहतर थ्रो की. 68.55 मीटर के स्कोर के साथ सुमित ने गोल्ड मेडल जीता.

सड़क हादसे में गंवाया था एक पैर- सुमित अंतिल का जन्म 6 जुलाई 1998 को गांव खेवड़ा, सोनीपत में हुआ था. सुमित कुश्ती में अपना करियर बनाना चाहते थे और भारतीय सेना में शामिल होना चाहते थे. साल 2015 में जब वह एक दिन प्रैक्टिस से वापस लौट रहे थे तब उनकी मोटरसाइकिल को एक तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी थी. दुर्घटना के बाद उनके बायें पैर को घुटने के नीचे से काटना पड़ा था. इस दुर्घटना से पहले वह एक पहलवान थे. अपना एक पैर गंवाने के बाद सुमित ने कई महीने अस्पताल में गुजारे. साल 2016 में उन्हें पुणे में उन्हें कृत्रिम पैर लगाया गया. उनके कोच वीरेंद्र धनखड़ फिर उन्हें साई सेंटर से दिल्ली लेकर पहुंचे. साल 2018 में एशियन चैंपियनशिप में सुमित को जैवलिन थ्रो में 5वीं रैंक मिली. अगले साल 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में उन्होंने रजत पदक जीता. इसके बाद नेशनल गेम्स में सुमित ने गोल्ड जीतकर खुद को साबित किया. वहीं बीते साल ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर सुमित ने इतिहास रच दिया. बता दें कि, सुमित ने टोक्यो पैरालिंपिक में पुरुषों की भाला फेंक एफ-64 वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था. एफ-64 स्पर्धा में एक पैर गंवा चुके एथलीट कृत्रिम अंग (पैर) के साथ खड़े होकर हिस्सा लेते हैं.

कौन हैं सुंदर पिचाई और सत्या नडेला

पद्म भूषण सम्मान भारतीय मूल के अमेरिकी उद्योगपतियों- सुंदर पिचाई  और सत्या नडेला को भी दिया जाएगा. सुंदर पिचाई गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं. सुंदर पिचाई ने 2020 में स्नातक किया था. भारत में जन्मे सुंदर पिचाई अगस्त, 2015 में गूगल के सीईओ बने थे. गूगल के शीर्ष पद पर पहुंचने के बाद के बाद पिचाई ने कई अहम फैसले लिए. मई, 2021 में कोविड-19 की दूसरी लहर से लड़ने में सहयोग देने के लिए अमेरिकी कंपनियों के वैश्विक कार्यबल की संचालन समिति में भी सुंदर पिचाई को शामिल किया गया था. यह कार्यबल उद्योग जगत की पहल पर बनाया गया है जिसमें कंपनियां भारत को कोरोना वायरस से लड़ने में मदद पहुंचा रही हैं. पिचाई के सीईओ बनने के बाद दिसंबर, 2016 में गूगल ने घोषणा की कि 2017 से यह अपने डेटा केंद्रों और कार्यालयों में 100% नवीकरणीय ऊर्जा पर काम करेगा. सितंबर, 2017 में गूगल और एचटीसी कॉर्पोरेशन में समझौता हुआ. गूगल ने ताइवान स्थित एचटीसी कॉर्पोरेशन के मोबाइल डिवीजन टीम के हिस्से को 1.1 अरब डॉलर में हासिल करने की घोषणा की.

सत्या नडेला माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हैं. नडेला ने जनवरी, 2021 में कहा था कि दुनियाभर में 20 करोड़ से भी अधिक विद्यार्थी एवं शिक्षक रिमोट लर्निंग के लिए फिलहाल माइक्रोसॉफ्ट एजुकेशन प्रोडक्ट्स पर ही भरोसा करते हैं. इतना ही नहीं, माइक्रोसॉफ्ट एआई के क्षेत्र में भी बेहतरीन उपकरण, फ्रेमवर्क और इन्फ्रास्ट्रक्चर देती है. अप्रैल, 2020 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस के कारण चुनौतियों से जूझ रही अमेरिकी अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए कॉरपोरेट जगत के अग्रणी लोगों के एक समूह बनाया था. इस ग्रुप में नडेला और पिचाई के अलावा भारतीय मूल के छह लोगों को शामिल किया गया था.

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