देहरादून दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत के भाई रिटायर कर्नल विजय रावत को भारतीय जनता पार्टी 2022 के चुनावों में डोईवाला या फिर कोटद्वार सीट से उतार सकती है। पार्टी में रावत को लेकर दो तीन दिनों से लगातार मंथन चल रहा है और जल्द अब इस संदर्भ में फैसला हो सकता है। दरअसल रिटायर कर्नल विजय रावत ने कुछ दिन पूर्व ही दिल्ली में भाजपा का दामन थामा था और उसके बाद वह उत्तराखंड भी पहुंच गए हैं।
पार्टी सूत्रों की मानें तो पार्टी के कई शीर्ष नेता कर्नल रावत को एक सैन्य चेहरे के रूप में विधानसभा चुनावों में उतारने की तैयारी कर रहे हैं। उनके चुनाव लड़ने पर करीब करीब निर्णय हो चुका है लेकिन सीट को लेकर अभी पेंच फंसा हुआ है। सूत्रों ने बताया कि कुछ रणनीतिकार उन्हें डॉ हरक सिंह रावत के कांग्रेस में जाने के बाद कोटद्वार सीट से चुनाव लड़ाने के इच्छुक हैं, तो कुछ उन्हें त्रिवेंद्र रावत के मैदान से हटने के बाद डोईवाला से उतारने की पैरवी कर रहे हैं।
पार्टी के सूत्रों ने बताया कि यह तय है कि इन दो में से पार्टी उन्हें किसी एक सीट से चुनाव मैदान में उतारने जा रही है। वहीं, देहरादून पहुंचने के बाद शनिवार को रिटायर कर्नल विजय रावत ने कहा कि वह राजनीति में रहकर राज्य वासियों की सेवा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लीडरशिप और भाजपा की राष्ट्रवादी विचारधारा से प्रभावित होकर पार्टी में शामिल हुए हैं।
उन्होने बताया कि वह लंबे समय से स्वास्थ्य कारणों से समाज में कार्य करने में अक्षम रहे। लेकिन अब रजीनीति के माध्यम से प्रदेशवासियों और देश की सेवा के लिए वह तत्पर हैं। रिस्पना पुल के समीम एक होटल में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने सेना के सम्मान के लिए उल्लेखनीय कार्य किए हैं।
वन रैंक वन पेशंन का लाभ पूर्व सैनिकों को दिलाना, सेना के आधुनिकीकरण के लिए नए-नए साजो सामान मुहैया कराना, राफेल जैसे अत्याधुनिक विमान सेना को सुर्पुद कराया और इसके अलावा भी कई अहम कदम उठाए गए हैं। कर्नल रावत ने कहा कि हमारे प्रदेश की सीमा दो दो देशों से लगी हुई है। ऐसे में अपनी सीमाओं की मजबूती के लिए भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत सड़कों का जाल विछाया जाना, ऑल वेदर रोड़ बनाई जानी बेहद अहम कदम है।