अमित शाह बोले, ‘प्रत्याशी मत देखिए मंत्री मत देखिए, कौन मुख्यमंत्री बनेगा यह भी मत देखिए, सिर्फ कमल पर वोट कीजिए’

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मेरठ: जनपद में आयोजित प्रबुद्ध मतदाता संवाद कार्यक्रम में अमित शाह ने एक ऐसा बयान दे डाला जिसने राजनीतिक पंडितों को चौंका दिया. देश के गृह मंत्री अमित शाह ने कार्यक्रम में लोगों से कहा, ‘ प्रत्याशी मत देखिए, विधानसभा मत देखिए, कौन मंत्री कौन मुख्यमंत्री मत देखिए, मोदी जी को सामने रखिए. भारत माता का मानचित्र नजर के सामने रखिए और कमल पर ठप्पा लगाकर भारत माता की जय बोलिए’.

हालांकि यह बयान सामान्य था पर अमित शाह द्वारा यह कहना कि कौन मंत्री और कौन मुख्यमंत्री है, मत देखिए ! मोदी जी को सामने रखकर भाजपा को वोट दीजिए, इस बात की तस्दीक करता दिखा कि उत्तर प्रदेश में आगामी चुनाव भी मोदी को सामने रखकर ही लड़ा जाएगा. मुद्दे कहीं न कहीं गौण होते दिखेंगे और मोदी की लहर लगातार हावी होती दिखेगी.

मेरठ में प्रभावी मतदाता संवाद कार्यक्रम में अमित शाह ने कहा कि यूपी में 20 साल में तुष्टिकरण की राजनीति हुई है. शाह ने बीजेपी के लिए हाथ जोड़कर जनता का साथ मांगा. अमित शाह ने कहा कि जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन रहा है. इससे मेरठ वासियों की ‘बम-बम’ हो जाएगी. अमित शाह ने कहा कि हम फिर से यूपी की जनता के पास हैं. यूपी की जनता ने भोलेशंकर की तरह हमें आशीर्वाद दिया है.

उन्होंने कहा, ‘बहन मायावती और भतीजे अखिलेश को मेरा चैलेंज है कि आंकड़े लेकर जनता के बीच जाएं. अखिलेश जवाब दें कि जब आपका शासन था, तब यूपी में क्या हाल था. 1866 करोड़ की संपत्ति माफिया कब्जाए हुए थे’. शाह ने कहा, ‘हम फिर से मेरठ की जनता से वो प्यार चाहते हैं जो उन्होंने 2014, 2017, 2019 में हमें दिया’.

अमित शाह ने भूतपूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की तारीफ की साथ ही उन्होंने कहा कि इस धरती पर आने पर चौधरी साहब को श्रद्धांजलि देते हैं. शाह ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर कुछ लोगों ने बीजेपी पर आरोप लगाए. अखिलेश और नेताजी बताएं कि किसने किसानों से MSP पर धान खरीदा और किसानों को कितना भुगतान किया. बीजेपी सरकार ने किसानों से फसल खरीदी मूल्य भुगतान किया.

कहा कि कैराना में अपराध की दहशत नहीं, विकास की खुशी है. किसानों के मुद्दे पर कुछ लोगों ने बीजेपी पर आरोप लगाए. अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा कि आप जवाब दें कि जब आपका शासन था तब यूपी में क्या हाल था. 1836 करोड़ की संपत्ति माफिया कब्जाए हुए थे.

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प्रभावी मतदाता संवाद कार्यक्रम : अलग-अलग वर्गों के बुद्धिजीवी व सीनियर सिटीजन जुटे, जाटों की संख्या ज्यादा

अमित शाह ने कहा, ‘कानून व्यवस्था में बदलाव आया है. इसी के साथ शिक्षा के द्वार खुले. डबल इंजन की सरकार परिवर्तन कर रही है.
उज्ज्वला योजना, स्वछता अभियान शौचालय बनाये, मात्र वंदन योजना, लाइट कनेक्शन कराया. उजाला योजना में बल्ब बांटे, पीएम गरीब कल्याण योजना, घर दिया, पीएम सम्मान निधि दी. बहन मायावती और भतीजे अखिलेश को मेरा चैलेंज है कि वह आंकड़े लेकर जनता के बीच जाएं. एक सरकार एक जाति का विकास हुआ. वहीं बीजेपी ने सबका विकास किया’.

गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी की ओर से जनपद मेंप्रभावी मतदाता संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. इसकी अध्यक्षता गृहमंत्री अमित शाह ने की. इस दौरान उन्होंने अलग-अलग वर्गों से जुड़े बुद्धिजीवी व सीनियर सिटीजन से बात की. हालांकि इस दौरान जाटों की संख्या सर्वाधिक रही.

जाटों नेताओं की भारी मौजूदगी

आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर बीजेपी पश्चिमी यूपी को मथने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती. पार्टी पूरी तरह एक्शन में दिखाई दे रही है. पार्टी के थिंक टैंक माने जाने वाले पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कैराना से पश्चिम की नब्ज टटोलनी शुरू की है. मेरठ में भी प्रभावी प्रबुद्ध मतदाता संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.

कार्यक्रम में खासतौर से अलग-अलग वर्गों के बुद्धिजीवियों सीनियर सिटीजन व जाट आमंत्रित किए गए हैं. हालांकि बैठक में सबसे अधिक संख्या जाटों की ही देखी गई है. यानी भाजपा पश्चिम से ये संदेश देने की कोशिश कर रही है कि जाट समुदाय का भारी समर्थन पार्टी के साथ है. साथ ही इस प्रभावी मतदाता संवाद कार्यक्रम के जरिए पूरे यूपी को संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि पश्चिमी यूपी में सब कुछ ठीकठाक है.

गौरतलब है कि जाट समुदाय के बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार गन्ना बेल्ट में जाट बीजेपी से छिटककर सपा-रालोद के गठबंधन की ओर जा सकता है लेकिन इस सम्मेलन में जाट समाज के सीनियर सिटीजन अधिक हैं.

कार्यक्रम में बागपत की छपरौली विधानसभा से लेकर कैराना क्षेत्र तक के जाट शामिल हुए हैं. उनका कहना है कि गठबंधन ज्यादा असर डालने वाला नहीं है.

कुछ लोगों का कहना है टिकट वितरण से जाटों में नाराजगी है. वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि बीजेपी शासनकाल में कानून व्यवस्था सुधरी है. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि गठबंधन बेमेल है. फिलहाल मेरठ में बुद्धिजीवियों व सीनियर सिटीजन को एकत्र करके पार्टी यही संदेश देने की कोशिश कर रही है कि माहौल उनके पक्ष में है.

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