पी चिदंबरम को 21 अगस्त की रात को गिरफ्तार किया गया था. विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ आज उनकी अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई करेंगे.
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram ) जेल जाएंगे या फिर उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया जाएगा इसका फैसला आज होगा. आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले (INX Media Case) में आज सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में चिदंबरम की पेशी होगी. सोमवार को अदालत ने उनकी सीबीआई हिरासत मंगलवार तक के लिये बढ़ा दी थी. विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ आज उनकी अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई करेंगे.
सोमवार को सीबीआई हिरासत की अवधि खत्म होने पर उन्हें अदालत में पेश किया गया था. सीबीआई ने मामले में चिदंबरम को किसी भी तरह की राहत दिये जाने का विरोध किया था और उनकी हिरासत अवधि एक दिन के लिये बढ़ाए जाने की मांग की थी. चिदंबरम को 21 अगस्त की रात को गिरफ्तार किया गया था.
कल क्या हुआ था अदालत में?
पी चिदंबरम की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर दिल्ली की एक अदालत में सोमवार को भ्रम की स्थिति देखने को मिली. सीबीआई और बचाव पक्ष के वकीलों ने अपने-अपने पक्ष में आदेश पाने के लिये न्यायालय के निर्देश का उल्लेख किया. शाम चार बजकर 20 मिनट पर जब सुनवाई शुरू हुई, तो सीबीआई की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ से कहा कि दिन में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गए निर्देश के संबंध में कुछ घटनाक्रम हुए हैं. उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत में जब सुबह सुनवाई हुई तो वह न्यायालय में मौजूद नहीं थे क्योंकि वो दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की याद में आयोजित प्रार्थना सभा में हिस्सा ले रहे थे. शीर्ष अदालत ने निचली अदालत से कहा था कि अंतरिम जमानत देने के आग्रह पर आज ही विचार करे. शीर्ष अदालत ने कहा था कि अगर निचली अदालत सोमवार को ही चिदंबरम के अंतरिम जमानत के अनुरोध पर विचार नहीं करती है तो उनकी सीबीआई हिरासत की अवधि और तीन दिन के लिये बढ़ा दी जायेगी. निचली अदालत में चिदंबरम की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि वहो उच्चतम न्यायालय के पूर्व के आदेश के मद्देनजर अंतरिम जमानत याचिका दायर कर रहे हैं.
मेहता ने इसका विरोध करते हुए कहा कि जांच एजेंसी को पहले नोटिस जारी किया जाना चाहिये और जवाब देने के लिये वक्त दिया जाना चाहिये. मेहता ने कहा कि उन्होंने शीर्ष अदालत में मामले का उल्लेख किया,जिसने मामले की सुनवाई कल निर्धारित कर दी.
साल 2007 में इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी ने आईएनएक्स मीडिया नाम से कंपनी बनाई. फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) ने आईएनएक्स मीडिया को 4.62 करोड़ रुपये के विदेशी निवेश की परमिशन दी थी, मगर आईएनएक्स मीडिया ने 305.36 करोड़ रुपये के विदेशी निवेश हासिल किए. इस रकम में से आईएनएक्स मीडिया ने गलत तरीके से 26% हिस्सा आईएनएक्स न्यूज में लगा दिया. इसके लिए FIPB की परमिशन नहीं ली गई. सीबीआई से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, वित्त मंत्रालय की फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट ने पाया कि आईएनएक्स मीडिया के पास मॉरिशस स्थित तीन कंपनियों से गलत तरीके पैसे आ रहे हैं.