नई दिल्ली| उत्तर प्रदेश के इत्र व्यवसायी पुष्पराज पम्पी जैन और उनके सहयोगियों के परिसरों पर छापेमारी कर रही आयकर विभाग की टीम सोमवार को उन्हें कानपुर ले गई।
जानकारी के मुताबिक, आई-टी टीम उनके सामने उनके अलग-अलग परिसरों के ताले खोलेगी।
एक अधिकारी ने जानकारी दी, “अगर टीम को कोई ताला मिलता है, जिसकी चाबी जैन ने उन्हें नहीं दी है, तो उसे तोड़ दिया जाएगा। पम्पी जैन को ेउनके परिसरों पर ले जाया जा रहा है ताकि ताले (चाबी के बिना) उनके सामने तोड़ा जाए और छापेमारी जारी रहे।”
अधिकारी ने कहा कि वे पम्पी जैन को कानपुर ले जा रहे हैं जहां वे विभिन्न परिसरों में तलाशी लेंगे।
कानपुर ले जाते समय पम्पी जैन ने कन्नौज में संवाददाताओं से कहा कि आईटी टीम को उनके खिलाफ कुछ भी नहीं मिला और ‘सब कुछ अच्छा है।’
सूत्रों ने दावा किया है कि टीम ने कुछ दस्तावेज बरामद किए हैं, जिससे पता चलता है कि उन्होंने मध्य पूर्व में 40 करोड़ रुपये का व्यापारिक लेनदेन की थी। मध्य पूर्व में स्थित कंपनियों ने कथित तौर पर ‘परफ्यूमरी कम्पाउंड्स’ बेचे।
सूत्रों ने कहा, ‘कोलकाता की कुछ मुखौटा कंपनियां हैं, जिनके पम्पी जैन से संबंध हैं। इन मुखौटा कंपनियों के जरिए करीब 10 करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया।’
पम्पी जैन समाजवादी पार्टी के एमएलसी हैं। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने छापेमारी को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा है कि यह भाजपा के इशारे पर किया जा रहा है क्योंकि वे राज्य में मुश्किल समय का सामना कर रहे हैं। अखिलेश यादव ने हाल ही में पम्पी जैन का ‘समाजवादी पार्टी परफ्यूम’ लॉन्च किया था।
आयकर विभाग ने महावीर प्रसाद के परिसरों पर भी छापेमारी की, जो पम्पी जैन के करीबी सहयोगी हैं। प्रसाद का कानपुर में एक्सप्रेस रोड पर ऑफिस है। वहीं एक व्यापारी अनूप जैन के आनंद नगर स्थित कार्यालय की भी आयकर टीम ने तलाशी ली। पैसे के अलग-अलग लेन-देन को लेकर पंपी जैन के चार्टर्ड अकाउंट से भी पूछताछ की गई।
अन्य परफ्यूम व्यवसायी मलिक मियां और उनके बेटे फैजान मलिक के परिसरों पर भी छापेमारी की गई।