लखनऊ : उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा के नेतृत्व में एक टीम लखनऊ पहुंची है. चुनाव आयोग की टीम में मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्तों सहित कुल 13 सदस्य हैं और यह तीन दिवसीय दौरे पर आयी है. जानकारी के मुताबिक आज चुनाव आयोग की टीम अहम बैठक कर सकता है.
चुनाव आयोग की टीम ने योजना भवन में भारतीय जनता पार्टी (BJP), समाजवादी पार्टी (SP), बहुजन समाज पार्टी (BSP), कांग्रेस (Congress) तथा अन्य दल के नेताओं के साथ भेंट की और उनके विचार सुने. टीम के साथ बैठक में भाजपा ने प्रत्येक बूथ पर महिला सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की मांग की. वहीं, कांग्रेस ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी को चुनावी प्रक्रिया से दूर रखने का अनुरोध करते हुए आरोप लगाया कि वह चुनावों को प्रभावित कर सकते हैं.
कांग्रेस ने सभी दलों द्वारा कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने और अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी को पद से हटाने की मांग की. वहीं, BSP ने प्रदेश में समय पर चुनाव कराने की मांग करते हुए कोविड के मद्देनजर इन दिनों राजनीतिक रैलियों में जुट रही भीड़ का जिक्र किया. राष्ट्रीय लोकदल के प्रतिनिधिमंडल ने वीवीपैट पर्ची की दोबारा गिनती कराने का अनुरोध किया.
भाजपा के महासचिव जेपीएस राठौर ने बताया कि चुनाव आयोग के साथ बैठक में पार्टी ने तीन बातें रखीं. पहली, प्रत्येक मतदान बूथ पर महिला सुरक्षाकर्मी की तैनाती हो ताकि महिलाओं को सुरक्षा मिले और अगर पहचान करनी हो तो कोई दिक्कत ना आए. दूसरी, एक परिवार सभी मतदाताओं के नाम एक ही बूथ पर रहे और तीसरी, घनी आबादी वाले बूथ, जहां खड़े होने की पर्याप्त जगह नहीं है, उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट किया जाए.
आयोग से मिलने पहुंचे सपा के प्रतिनिधिमण्डल में प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, के. के. श्रीवास्तव तथा डॉ. हरिश्चन्द्र यादव शामिल थे. उन्होंने विधानसभा चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तरीके से कराने की मांग की. सपा ने ज्ञापन देकर अनुरोध किया कि 80 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों तथा दिव्यांग मतदाताओं की सूची विधान सभावार, मतदेय स्थलवार उपलब्ध कराई जाए.
राज्य में ऐसे मतदाताओं की संख्या करीब 40 लाख है और विधानसभा चुनाव 2022 में ऐसे मतदाताओं को पहली बार घर से मतदान का विकल्प (voting from home option) दिया जा रहा है.
ज्ञापन में कहा गया है कि प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा को आदर्श आचार संहिता का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया जाए. सपा ने आरोप लगाया कि मतदाता सूची में बड़ी संख्या में डुप्लीकेट मतदाता पंजीकृत हैं, जो गंभीर चिंता का विषय है.
कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में ओंकार नाथ सिंह, वीरेंद्र मदान और मोहम्मद अनस रहमान शामिल थे. कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश पुलिस की निष्पक्षता पर संदेह जताते हुए आयोग से चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश की राज्य काउंसिल की ओर से पार्टी के कोषाध्यक्ष एवं राज्य कार्यकारिणी के सदस्य कामरेड प्रदीप तिवारी ने 2022 में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के संबंध में पार्टी का प्रतिवेदन सौंपा और चर्चा में भाग लिया.
भाकपा के प्रतिवेदन में कहा गया है की शासक दल द्वारा चुनाव अभियान के लिए सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग को रोकने के लिए तत्काल विधानसभा चुनावों की घोषणा की जाये और आदर्श आचार संहिता अविलंब लागू की जाए.
उसमें कहा गया है कि देश के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य की विधानसभा चुनाव साल 2022 के प्रारंभ में अपेक्षित हैं. ये चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और निर्धारित समय सीमा में हों, निर्वाचन आयोग से ऐसी अपेक्षा है.