उमा भारती ने खोला राज़! आखिर बीजेपी को दलितों और ओबीसी से क्यों है इतना लगाव

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भोपाल। मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर सियासी घमासान चल रहा है. इसी ओबीसी आरक्षण की आग में पंचायत चुनाव भी झुलस गए लेकिन इस आरक्षण की सियासी जंग में उमा भारती फिर से कूद गई हैं. उन्होंने आज बताया कि ओबीसी और दलितों पर बीजेपी इतनी मेहरबान क्यों लग रही है.

उमा भारती ने खोला राज़, क्यों है ओबीसी से इतना लगाव

उमा भारती ने अपने ट्वीट में खुलासा किया बीजेपी ओबीसी आरक्षण को लेकर इतनी मुखर क्यों है. हर मुद्दे पर वो ओबीसी आरक्षण की बात क्यों कर रही है. इसके पीछे की वजह ट्वीट के जरिए मुख्यमंत्री उमा भारती ने बताई है.

70 फीसदी जनसंख्या को कैसे करें नाराज़

उमा भारती ने बताया भाजपा की दो अहम चिंतन बैठकें महाराष्ट्र और राजस्थान में हुई थीं.जिसमें वे भी शामिल हुईं थीं. चिंतन का यह निचोड़ निकला कि भाजपा राष्ट्रवादी पार्टी है. लेकिन पिछड़े और दलित भाजपा को बहुत कम वोट देते हैं. जबकि देश में इनकी जनसंख्या करीब 70% से ज्यादा है. इन्हीं दो बैठकों में यह फैसला लिया गया कि देश को मजबूत बनाने के लिए भाजपा को मजबूत बनाना जरूरी है . उमा भारती ने आगे लिखा, कि हिंदू, हिंदुस्तान और भाजपा को मजबूत करने के लिए सभी वर्गों को साथ लेने की जिम्मेवारी हम सब नेताओं को सौंपी गईं थी.

ओबीसी आरक्षण पर शिवराज से भी की थी बात

उमा भारती ने अपनी सफाई इसलिए दी है क्योंकि उनका कहना है कि लोग उन्हें साध्वी और हिंदूवादी नेत्री मानते हैं. वे अब पूछ रहे हैं कि आखिर वे ओबीसी आरक्षण की बात क्यों करती हैं. ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर उमा भारती पहले भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को कह चुकी हैं, कि पंचायत चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के ना कराए जाएं. अगर बिना ओबीसी आरक्षण के होंगे तो इससे 70% जनता का अहित होगा.

सामने आई बीजेपी के ‘मन की बात’

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उमा भारती ने कहा था कि मध्य प्रदेश के पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर लगी न्यायिक रोक चिंता का विषय है. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज से बात की और कहा था कि बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव ना हों. इसका रास्ता मध्य प्रदेश सरकार को निकालना चाहिए .अब जब सरकार ने पंचायत चुनाव का अध्यादेश अध्यादेश वापस ले लिया है, तो उमा भारती ने ट्वीट कर बीजेपी की दिल की बात सार्वजनिक कर दी है.

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