उज्जैन । पांच साल की बच्ची से दुष्कर्म, फिर उसकी हत्या के मामले में शनिवार को विशेष अदालत ने दोषी को मौत तक कैद की सजा सुनाई। डीएनए, डायटम टेस्ट रिपोर्ट व अन्य परिस्थिति जन्य साक्ष्य दोषी को सजा दिलाने में महत्वपूर्ण रहे। वारदात के 87वें दिन कोर्ट का फैसला आ गया।
बता दें कि भूखी माता मंदिर बायपास के समीप ईंट-भट्टे पर बने झोपड़े में 6 जून-2019 की रात मासूम अपने दादा-दादी के पास सो रही थी। मूल रूप से आगर निवासी उसके माता-पिता यहां भट्टे पर काम करते थे। दोनों पास की ही झुग्गी में सो रहे थे। इस दौरान एक बदमाश बच्ची को उठा ले गया। पहले उसके साथ ज्यादती की, बाद में बच्ची का सिर व चेहरा ईंट से वार कर कुचल दिया था। इसके बाद शव को शिप्रा नदी में फेंक दिया था।
पड़ोस में ही रहता था दरिंदा
बच्ची के गायब होने के बाद परिजन ने गुमशुदगी दर्ज कराई थी। अगले दिन शव शिप्रा नदी में मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ है। सनसनीखेज वारदात में पुलिस ने 24 घंटे के भीतर आरोपित शिवा पिता सुनील राव (19) को गिरफ्तार कर लिया था। वे पड़ोस में ही रहता था। पुलिस ने मामले में आईपीसी की धारा 449, 376 ए, बी, 366, 302, 201, पॉक्सो एक्ट की धारा 5, 6 और एससीएसटी एक्ट की धारा 3(2)(5) में कायमी की थी।
कम उम्र भी रही फांसी नहीं देने का कारण
कोर्ट ने मामले को विरल से विरलतम प्रकृति का नहीं माना। वहीं शिवा राव की उम्र भी 19 वर्ष होने के कारण उसे फांसी की सजा नहीं देना भी एक कारण बताया जा रहा है। कोर्ट ने शिवा को शेष प्राकृतिक जीवन मौत तक जेल में रहने की सजा सुनाई है। शासन की ओर से पैरवी डीडीपी (विशेष लोक अभियोजक) आरके चंदेल ने की।
यह होता है डायटम टेस्ट
डायटम टेस्ट यह बताता है कि किसी की मौत पानी में डूबने से हुई है या दूसरे कारण रहे। दरअसल, जलस्रोतों में डायटम नामक पदार्थ पाया जाता है। अगर व्यक्ति की मौत डूबने से होती है तो उसके शरीर में यह तत्व पहुंच जाता है। अगर व्यक्ति डूबने से नहीं मरा या उसे मारकर नदी या तालाब में फेंका गया है तो यह तत्व भीतर नहीं जाता।