मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार अब आदिवासियों के लिए आबकारी नीति में बदलाव करने जा रही है, जिसके लिए पांच मंत्रियों का समूह बनाकर उनसे सुझाव मांगा है, ताकि नई आबकारी नीति को ड्राफ्ट किया जा सके और अगले वित्तीय वर्ष में नई व्यवस्था के तहत शराब की दुकानों का आवंटन हो सके.
भोपाल। आदिवासियों के लिए मध्यप्रदेश सरकार आबकारी नीति में बदलाव करने जा रही है, प्रदेश के आदिवासी अंचल के रहवासियों की आमदनी बढ़े, इसके लिए उन्हें इस व्यवसाय से जोड़ने का प्रावधान नई आबकारी नीति में किया जाएगा, वहीं शराब की दुकानों के ठेके आसानी से हो सके, इसके लिए मौजूदा व्यवस्था में बदलाव करने के लिए ड्रॉफ्ट तैयार किया जा रहा है.
5 मंत्री समूह नई आबकारी नीति पर देंगे सुझाव
आबकारी नीति में बदलाव के लिए पांच मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, सामान्य प्रशासन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए आबकारी नीति के संबंध में अनुशंसा प्रस्तुत करने के लिए पांच सदस्यीय मंत्रिपरिषद समिति का गठन किया है, इस समिति में गृह, जेल, संसदीय कार्य, विधि विधायी और जल संसाधन मंत्री नरोत्तम मिश्रा, वन मंत्री कुंवर विजय शाह, वाणिज्य कर, वित्त, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री जगदीश देवड़ा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी को शामिल किया गया है. प्रमुख सचिव वाणिज्य कर इस समिति के सचिव होंगे.
शराब ठेकेदारों पर शिकंजा कसेगी सरकार
शराब ठेकेदारों के सिंडिकेट पर भी शिकंजा कसा जाएगा, शराब ठेकेदार समूह बनाकर एकराय होकर ठेकों के लिए कम बोली लगाते हैं, इससे प्रतिस्पर्धा नहीं हो पाती है, इसलिए कम शराब ठेकों में ज्यादा से ज्यादा ठेकेदारों को शामिल होने का मौका मिले और प्रतिस्पर्धा बढ़े, इसकी व्यवस्था नई आबकारी ठेका प्रणाली में तैयार की जाएगी.
मंत्री समूह इसी महीने देगा अपना सुझाव
मंत्री समूह इसी महीने अपना सुझाव देगा, इसके लिए मंथन करने जा रहा है, ताकि नये बजट से पहले इस पॉलिसी को अंतिम रूप दिया जा सके और अगले वित्तीय वर्ष में शराब के ठेके इसी प्रक्रिया के तहत आवंटित किए जाएं.