भोपाल/ग्वालियर/शहडोल। देश-दुनिया में कोरोना के तीसरे लहर की आहट है. वायरस के नए वेरिएंट के खतरनाक होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. खुद मध्य प्रदेश सरकार भी इसे मानती है, इसलिए लोगों से कोरोना गाइडलान का सख्ती से पालन करने और वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन जब सरकारी आयोजनों की आती है तो सारे नियम, सारी गाइडलाइन ताक पर रख दिए जाते हैं. सरकारी कार्यक्रम में ही भारी भीड़ जुटाई जा रही है. सवाल ये उठता है कि इस दोहरे मापदंड के जरिए क्या एमपी सरकार प्रदेश में कोरोना के संक्रमण पर ब्रेक लगा पाएगी.
मिशन 2023 के मिशन में पाबंदियां भूली सरकार!
बीते कुछ दिनों से मध्य प्रदेश की राजनीति आदिवासियों के इर्द-गिर्द घूम रही है. माना जा रहा है कि आदिवासी वोट बैंक को अपनी तरफ करने के लिए सरकार इस तरह के कार्यक्रम कर रही है. एक ओर तो एमपी सरकार लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाने को कह रही है. वहीं दूसरी ओर सरकारी आयोजन में भारी भीड़ तो जुट ही रही है, साथ ही कोरोना गाइडलाइन की भी धज्जियां उड़ाई जा रही है. माना जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर का आगाज हो चुका है, प्रदेश में लगातार केसेस भी बढ़ने लगे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा. 2023 के चुनाव की बिसात बिछाने में लगी सरकार कोरोना से बेपरवाह लाखों की भीड़ जुटाने वाले कार्यक्रमों में मस्त नजर आ रही है.
पहले जंबूरी मैदान में जुटाई भीड़ और अब इंदौर में
कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन के कई केसेस देश में भी मिल चुके हैं. जाहिर है, खतरा बढ़ते जा रहा है, लेकिन शायद वोट बैंक की राजनीति में जुटी सरकार को इससे सरोकार ही नहीं है. तभी तो पहले 15 नवंबर को आदिवासी क्रांतिकारी बिरसा मुंडा की जयंती पर भोपाल के जंबूरी मैदान दो लाख लोगों की भीड़ जुटाई गई और अब तीसरी लहर की दस्तक के बीच इंदौर में शनिवार को फिर लाखों की भीड़ आदिवासी जननायक टंट्या मामा के बलिदान दिवस पर हुए कार्यक्रम के नाम पर जुटाई गई. जहां ना तो सोशल डिस्टेंसिंग दिखी, ना लोगों के चेहरे पर मास्क.
बीजेपी को सिर्फ चुनाव नजर आता है- कांग्रेस
सरकारी कार्यक्रम में जुटाई जा रही भीड़ पर कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला बोला है, प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि बीजेपी को सिर्फ चुनाव दिखते हैं, उन्होंने जनता की परवाह कभी नहीं की, दूसरी लहर में हजारों लोगों की मौत हो गई लेकिन सरकार कहती रही की कोरोना से निपटने के उन्होंने पर्याप्त इंतजाम किए हैं और लोगों को इलाज मुहैया कराया गया है. प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामले के बीच इंदौर में भीड़ जुटाने के सवाल पर बीजेपी, कांग्रेस को ही कोस रही है. पार्टी का मानना है कि कांग्रेस बेवजह मामले को तूल देती है, छत्तीसगढ़ पंचायत चुनाव को लेकर सवाल उठाते हुए बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि जहां तक कोरोना संक्रमण का सवाल है तो सरकार पूरी तरह से मुस्तैद है, लगातार मॉनिटरिंग हो रही है,आरटी-पीसीआर के टेस्ट किए जा रहे हैं और एहतियातन सारे जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.
कोरोना के कारण IAS Meet रद्द
एक तरफ सरकार बड़े-बड़े आयोजन कर लाखों लोगों की भीड़ जुटा रही है. वहीं अधिकारियों के आईएएस मीट को निरस्त कर दिया गया है. प्रदेश के अफसरों को लगता है कि यदि यह मीट हुई तो कोरोना फैल सकता है, जिसके चलते उन्होंने आईएएस मीट रद्द कर दी है.
ग्वालियर स्वास्थ्य विभाग का रियलिटी चेक
देश में नए वेरिएंट की दस्तक के बाद प्रदेश सरकार से लेकर ग्वालियर जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट हो गया है. हालांकि ग्वालियर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पिछले कई महीनों से दावा कर रहा है कि संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए पूरी तैयारियां कर ली गई हैं, लेकिन असल में हकीकत कुछ अलग ही है. जिले में लगातार कोरोना संक्रमण की आंकड़े बढ़ने के बावजूद अभी तक पर्याप्त व्यवस्थाएं नहीं हो पाई है. जिले के अस्पतालों में 6000 बेड के इंतजाम का दावा किया जाता है. जबकि सच्चाई ये है कि शहर में मेडिकल कॉलेज और अन्य सरकारी अस्पतालों में मिलाकर दो हजार बेड की व्यवस्था है. फिलहाल कोरोना के मरीज न होने से इन पर दूसरे रोगियों का इलाज किया जा रहा है.
ग्वालियर के सरकारी अस्पतालों में बेड की स्थिति
–जयारोग्य अस्पताल – 1450
– सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल – 190
– जिला अस्पताल -235
– सिविल अस्पताल हजीरा – 55
ग्वालियर में 9 लाख बच्चों पर सिर्फ 11 वेंटिलेटर
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को लेकर जुलाई से तैयारियों का दावा किया जा रहा था, लेकिन अंचल के सबसे बड़े अस्पताल जया रोग में तीसरी लहर से निपटने के लिए मात्र 250 वेंटीलेटर हैं, और इनमें से बच्चे वाले वेंटिलेटर की संख्या सिर्फ 9 है. जिला अस्पताल में भी बच्चों के वेंटिलेटर सिर्फ 2 है. जिले में 9 लाख बच्चे हैं, ऐसे में सरकारी अस्पताल में इन बच्चों के लिए महज 11 वेंटिलेटर है. इतना ही नहीं जिला मुरार अस्पताल और सिविल अस्पताल हजीरा में मेडिसिन और पीडियाट्रिक विशेषज्ञ के पद खाली हैं, सिविल अस्पताल हजीरा में तो एक भी विशेषज्ञ नहीं है. ग्वालियर जिले में कुल 9 ऑक्सीजन प्लांट है, जिनमें से अभी चार ऑक्सीजन प्लांट बंद पड़े हुए हैं.
एमपी में 24 घंटे में 18 नए मरीज
मध्यप्रदेश में शनिवार को कोरोना के 18 नए मामले सामने आए हैं. वहीं 10 नए मरीज स्वस्थ भी हुए हैं. जिसके बाद प्रदेश में एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 142 हो गयी है. राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पिछले चौबीस घंटों के दौरान प्रदेश भर में कोरोना के 56,304 सेंपलों की जांच की गयी, जिसमें 18 लोगों संक्रमित मिले. जिनमें सबसे ज्यादा 8 केस राजधानी भोपाल में मिले हैं. इसके अलावा इंदौर में 6 तथा ग्वालियर और जबलपुर में 2-2 नए केस सामने आए हैं. एमपी में संक्रमण दर 0.02 प्रतिशत है. वहीं अब तक कोरोना के कुल 7,93,332 मरीज मिले चुके हैं, जिनमें से 7,82,562 मरीज ठीक हुए है. वहीं 10,528 मरीजों की जान कोरोना के कारण चली गयी है.
शहडोल में फिर मिला एक मरीज, 2 एक्टिव केस
शहडोल जिले में अभी 2 दिसंबर को ही एक युवक कोरोना पॉजिटिव मिला था, जिसके बाद जिला मुख्यालय में हड़कंप मच गया था और अब 4 दिसंबर को जिले में फिर से एक महिला की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटव पाई गई है. जिसके साथ ही जिले में अब कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 2 हो गई है. बताया जा रहा है कि इस महिला का स्वास्थ्य पिछले कुछ दिनों से ठीक नहीं था, जिसके चलते उन्होंने जयसिंहनगर अस्पताल में कोविड-19 की जांच कराई थी, जो पॉजिटिव आई है. संक्रमित महिला की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है.