भोपाल । त्रि-स्तरीय पंचायत आम निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा की गई है। चुनाव की घोषणा के साथ ही पंचायत क्षेत्र में आदर्श आचरण संहिता लागू हो गई है। निर्वाचन के दौरान लोक शांति बनाए रखने और जन सुरक्षा की दृष्टि से ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग को लेकर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए गए हैं। साथ ही अस्त्र-शस्त्र प्रदर्शन और वाहनों के काफिले के साथ रैली व जुलूस आदि के संबंध में दंड प्रक्रिया संहिता-1973 की धारा 144 के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं।
आदेश के तहत प्रतिबंधात्मक अवधि में कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों पर अस्त्र-शस्त्र धारण नहीं करेगा। न लाएगा, न ले लाएगा और न ही प्रदर्शन करेगा। यह पाबंदी उन समुदायों पर लागू नहीं होगी, जो दीर्घकाल से प्रचलित रूढि़ प्रथा एवं विधि के अनुसार शस्त्र प्रदर्शन करने के लिए हकदार हैं। यह प्रविधान नगर निगम सीमा/नगर परिषद क्षेत्र से ग्रामीण क्षेत्र में जाने वाले व्यक्तियों पर भी लागू होंगे।
आयोजन के लिए लेना होगी विधिवत अनुमति
राजनीतिक दल, संस्था, संगठन, व्यक्ति बिना सक्षम अनुमति प्राप्त किए किसी भी प्रकार की वाहन रैली नहीं निकाल सकेंगे। सक्षम अनुमति प्राप्त करने के बाद ही चुनाव प्रचार और चुनाव सामग्री परिवहन के लिए वाहनों का उपयोग किया जा सकेगा। इसी प्रकार बिना अनुमति धरना, प्रदर्शन, रैली, जुलूस आदि के लिए भी विधिवत अनुमति एसडीएम से ली जाना आवश्यक होगी। कोई भी दल, संस्था अथवा संगठन किसी भी सार्वजनिक स्थान पर सभा, समारोह, जलसा आदि बिना अनुमति के नहीं करे सकेंगे। सड़क, स्कूल, मैदान और शासकीय कार्यालयों के परिसर में सभा पूरी तरह निषिद्ध रहेगी। यह भी उल्लेखनीय है कि केन्द्र शासन के गृह मंत्रालय के आदेशानुसार किसी भी सभा में अधिकतम 100 व्यक्ति की अनुमति प्राप्त की जा सकेगी।
आतिशबाजी पर भी रोक
कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थान, मार्ग, मकानों की छत पर आतिशबाजी का प्रयोग नहीं कर सकेंगे। यह प्रतिबंध बारात आदि में होने वाली आतिशबाजी पर भी लागू होगा। कार्यालयों के परिसर में सभा और अन्य आयोजन भी पूरी तरह प्रतिबंधित रहेंगे। कोई भी व्यक्ति, दल अथवा संस्था सम्पूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान बिना अनुमति लाउड स्पीकर (ध्वनि विस्तार यंत्र) का उपयोग नहीं कर सकेंगे। इस बिंदु में ठेला गाड़ी पर लगे लाउड स्पीकर को भी सम्मिलित किया गया है। कोई भी व्यक्ति, संस्था अथवा अन्य संगठन किसी समुदाय अथवा धर्म विशेष को लेकर अथवा अन्य प्रकार के आपत्तिजनक नारे नहीं लगाएगा। साथ ही आपत्तिजनक पर्चा, पेम्प्लेट आदि वितरित और सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शित नहीं करेगा, जिससे किसी की भावना को ठेस पहुंचती हो और साम्प्रदायिक सौहार्द एवं शांति भंग हो सकती है।
निर्वाचन की घोषणा से 24 घंटे के भीतर शासकीय भवनों तथा परिसर से होर्डिंग, बैनरों, कटआउट आदि को हटाया जाएगा और दीवारों पर लिखे गए नारों को मिटाया जाएगा। सार्वजनिक स्थानों, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, एयरपोर्ट, रेलवे ब्रिज, रोडवेज, शासकीय बसों बिजली/टेलीफोन खंभों, नगर निगम, स्थानीय निकायों के भवनों आदि से अनाधिकृत राजनीतिक विज्ञापनों, दीवारों पर की गई लिखावट, पोस्टर, बैनर, कटआउट, होर्डिंग आदि को निर्वाचन की घोषणा से 48 घंटे के भीतर स्थानीय निकायों द्वारा हटाया जाएगा। निजी भवनों से सभी अनाधिकृत राजनीतिक विज्ञापनों को चुनाव की घोषणा के 72 घंटे के भीतर हटा लिया जाएगा। निर्वाचन की घोषणा के तत्काल बाद से किसी भी राजनीतिक दल या व्यक्ति द्वारा शासकीय वाहनों के उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा।
कोविड नियमों का पालन करना होगा
राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों द्वारा कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। घर-घर अभियान के दौरान सुरक्षाकर्मियों को छोड़कर उम्मीदवारों सहित केवल पांच व्यक्तियों के समूह को ही घर-घर अभियान करने की अनुमति होगी। काफिले में पांच वाहन रहेंगे। केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार किसी भी आयोजन में 100 से अधिक व्यक्ति एकत्रित नहीं रह सकेंगे। किसी दल या अभ्यर्थी द्वारा ऐसा कोई कार्य नहीं किया जा सकेगा जिससे विभिन्न जातियों और धार्मिक या भाषायी समुदायों के बीच मतभेद और तनाव पैदा हो। मत प्राप्त करने के लिए जातीय या साम्प्रदायिक भावनाओं की दुहाई नहीं दी जा सकेगी। मस्जिदों, गिरजाघरों, मंदिरों या पूजा के अन्य स्थानों का निर्वाचन प्रचार के मंच के रूप में प्रयोग नहीं किया जाएगा।
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