विदिशा के गंजबासौदा में धर्मांतरण मामला तूल पकड़ता जा रहा है।
सोमवार को गंजबासौदा में धर्मांतरण के खिलाफ विहिप बजरंग दल ने प्रदर्शन और घेराव किया था। यहां सैकड़ों की तादाद में गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने गेट और दीवार फांद कर स्कूल कैंपस में घुसकर तोड़फोड़ कर दी थी। करीब एक घंटे बाद अधिकारी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों काे कैंपस से बाहर निकला। इस मामले में अग्रवाल का कहना है कि जिन 8 बच्चों के धर्मांतरण की बात हो रही है, स्कूल प्रबंधन का कहना है कि उनके नाम ही नहीं हैं, जिनमें धर्मांतरण की बात की जा रही है। यही तो जांच का विषय है। यही तो राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने पत्र जारी कर जांच की बात की थी। हमसे पहले ज्ञापन दिया था, जो बात उन्होंने कल कही, यह पहले भी कह सकते थे। धर्मांतरण हुआ है की नहीं, यह तो जांच का विषय है और जांच संबंधित अधिकारी करेंगे।
अग्रवाल ने कहा – उस हंगामे को किसी एक संगठन की जिम्मेदारी नहीं कह सकते, यह किसी एक संगठन ने नहीं किया। सोमवार को स्कूल में 11 से 1 बजे तक परीक्षा थी। 1 बजे के बाद ही एसडीएम को ज्ञापन दिया गया। हमारी मांग है कि जिस तरीके से धर्मांतरण की चर्चा है। रविवार को पूर्वोत्तर के जिन बच्चों को चर्च में ले जाते हैं, उसकी जांच होनी चाहिए कि वे कहां से आए हैं, उनके माता-पिता कौन हैं। धर्मांरण की जांच होनी चाहिए और सेंट जोसफ जो भवन बना है, वह काॅन्वेंट स्कूल के ट्रस्ट ने हॉस्पिटल बनाने के नाम पर ली थी, लेकिन उसमें अंग्रेजी माध्यम का स्कूल बना दिया, उसकी भी जांच हो।
यह मांग की
संगठन द्वारा एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे ज्ञापन में मांग की गई है कि सेंट जोसेफ स्कूल में जिन 8 बच्चों का धर्म परिवर्तन किया गया है उसकी जांच की जाए एवं नाम सार्वजनिक किए जाएं। कॉन्वेंट एवं सेंट जोसेफ विद्यालय के छात्रावास में पढ़ने वाले स्थानीय एवं अन्य राज्यों के विद्यार्थियों की सूची बनवाई जाए। साथ ही ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि जिस भूमि पर विद्यालय बना है। वह भूमि सेवा प्रकल्प के रूप में अस्पताल बनाने के लिए दी गई थी। उसकी जांच हो तथा हिंदू विद्यार्थियों को मिशनरी स्कूलों में उनकी धार्मिक मान्यता अनुसार तिलक लगाने, कलावा बांधने आदि से नहीं रोका जाए, बल्कि उन्हें चर्च ले जाकर ईसाई धर्म की प्रार्थना आदि नहीं कराई जाए। इन स्कूलों को मिलने वाली विदेशी फंडिग की भी जांच की जाए।
प्रदेश में यह चौथा मामला
- मशीनरी द्वारा प्रदेश में धर्मांतरण का चौथा मामला है। इससे पहले खरगोन में धर्मांतरण के मामले में एक महिला और पुरुष को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसका वीडियो वायरल हुआ था। उसमें एक व्यक्ति कह रहा था 22 लोगों का धर्मांतरण किया जा चुका है।
- झाबुआ में पुलिस ने धर्मांतरण कराने के मामले में 10 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया।
- रायसेन के कन्या छात्रावास में हिंदू लड़कियों का धर्मांतरण करने की शिकायत बाल आयोग से की गई थी। छात्राओं को धार्मिक पुस्तक देकर उनका ब्रेनवाश किया जा रहा था। ऐसा ही मामला गंजबासौदा में उजागर होने के बाद इस पर बबाल मचा हुआ है।