ओमिक्रॉन पर शिवराज बोले- जनवरी में आ सकता है नए वैरिएंट का पीक; मंत्रियों को भी उतारा मैदान में

भोपाल

भोपाल  कोरोना के नए वैरियंट ओमिक्रॉन की आहट से सरकार अलर्ट मोड में है। अगले सात दिनों तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित पूरी कैबिनेट मैदान में उतरेगी। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर मंत्रियों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन को लेकर वैज्ञानिकों के अध्ययन से संकेत मिल रहे हैं कि जनवरी में इसका प्रभाव पीक पर आ सकता है। लिहाजा तैयारियां पुख्ता होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मंत्री अपने-अपने प्रभार वाले जिले में अस्पतालों का निरीक्षण करें। कोरोना के नए वैरिएंट का सामना जनभागीदारी मॉडल पर किया जाएगा। प्रदेश में ऑक्सीजन संयंत्र, वेंटीलेटर सहित अन्य सभी आपातकालीन व्यवस्थाएं कर ली गई हैं। हमारा प्रयास होगा कि इन सबकी जरूरत ही न पड़े। मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य सावधानियों का कड़ाई से पालन करने के लिए वातावरण तैयार किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि मंत्री प्रभार वाले जिले में कलेक्टर सहित जिला क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी के साथ बैठक करें। मिल-जुलकर संभावित संकट का मुकाबला करेंगे। अस्पतालों में निरीक्षण की रिपोर्ट एक सप्ताह में तैयार कर दें। इस रिपोर्ट पर कैबिनेट की अगली बैठक में चर्चा कर राज्य स्तर पर एक रोडमैप तैयार किया जाएगा।

दिसंबर के अंत तक 100% वैक्सीनेशन पर फोकस

मुख्ममंत्री ने कहा कि दिसंबर के अंत तक 100% वैकसीनेशन पर फोकस रहेगा। मुख्य रूप से वैक्सीन के दूसरे डोज लगाने के लिए लोगों को जागरूक करने की अभी भी जरूरत है। सरकार ने 8 दिसंबर को फिर से वैक्सीनेशन अभियान चलाने का फैसला किया है। उन्होंने मंत्रियों से कहा कि वे प्रभार वाले जिले में किसी एक सेंटर पर जाएं। इससे सकारात्मक माहौल बनता है। बता दें कि मप्र में दूसरा डोज 70% पात्र आबादी को लग चुका है।

सरकार की थ्री-टी रणनीति

कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के चलते इसकी तीसरी लहर के खतरे से निपटने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने थ्री-टी रणनीति बनाई है। थ्री-टी यानी टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट। इसके लिए प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। इसमें आरटी-पीसीआर में पॉजिटिव आने वाले सभी मरीजों का अनिवार्य रूप से जीनोम सिक्वेंसिंग कराने के निर्देश दिए गए हैं।

सभी जिलों के कलेक्टर, सभी मेडिकल कॉलेजों के डीन, सीएमएचओ और सिविल सर्जन को यह निर्देश भेजा गया है। उन्हें कहा गया है कि कोविड की आरटी-पीसीआर टेस्ट में पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर मरीज के सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए अनिवार्य रूप से भिजवाएं।

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