कांग्रेस ने सरकार से पूछा, बच्चों को कब से टीके लगाना शुरु होगा, बूस्टर डोज लेकर उसकी क्या नीति

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नई दिल्ली । कांग्रेस ने गुरुवार को मोदी सरकार पर कोविड से निपटने के कार्य को जरूरी प्राथमिकता नहीं देने का आरोप लगाकर यह स्पष्ट करने की मांग की, कि कोरोना महामारी के दौरान कितने लोगों की मौत हुई, कितने परिवारों की मदद की गई तथा 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को कब से टीके लगाना शुरु होगा। साथ ही कोविड टीके की बूस्टर या तीसरी खुराक को लेकर उसकी क्या नीति है ? लोकसभा में नियम 193 के तहत ‘कोविड से उत्पन्न स्थिति’ पर चर्चा में हिस्सा लेकर कांग्रेस सदस्य गौरव गोगोई ने कहा कि कोविड-19 ने बच्चों, बूढ़ों सहित समाज के हर वर्ग के लोगों को प्रभावित किया है। इसका असर देश की 130 करोड़ आबादी पर देखा जा सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि कोरोना पर सदन में चर्चा के लिये सरकार को जिस प्रकार की प्राथमिकता दिखानी चाहिए थी, वह नहीं दिखाई गई। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण लॉकडाउन के दौरान घरों में बच्चों एवं महिलाओं के शोषण की खबरें आई हैं। इसके कारण 3,620 बच्चों के अनाथ होने तथा 26 हजार बच्चों के माता या पिता में से कम से कम एक को खोने की रिपोर्ट सामने आई है।
गोगोई ने सवाल किया कि इसतरह कितने बच्चों और महिलाओं ने सरकार से हेल्पलाइन पर सम्पर्क किया तथा सरकार इसतरह के कितने लोगों तक पहुंची तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय सहित अन्य विभागों ने कितने दिव्यांगों की मदद की ?कांग्रेस नेता ने सरकार से जानना चाहा, निजी क्षेत्र ने कितने लोगों को कोविड रोधी टीके लगाए। बूस्टर खुराक को लेकर सरकार का क्या रूख और नीति है? 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को कब तक टीका लगना शुरू होगा?’’ कांग्रेस सदस्य ने आरोप लगाया, ‘‘जिस समय सरकार को लोगों से सहानुभूति दिखानी चाहिए थी, उस समय सत्ता पक्ष एक व्यक्ति की छवि बचाने में लगा हुआ है।’’
गोगोई ने कहा कि उस समय में जब सरकार को लोगों से सतर्क रहने की गुजारिश करनी चाहिए, उस समय सरकार के लोग प्रधानमंत्री की तारीफ करने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि इजराइल, अमेरिका जैसे देशों में 80 प्रतिशत लोगों को टीके की दो खुराक लगा चुकी है, लेकिन वहां भी खतरा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कोरोना की दूसरी लहर के समय लोगों को सरकारी अस्पतालों में बिस्तर, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर आदि नहीं मिल रहे थे और विदेशों से वेंटिलेटर मंगाने पड़े थे…ऐसे में सरकार की क्या तैयारी थी ? कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी नेता राहुल गांधी ने समय-समय पर महामारी से सतर्कता, टीके एवं अन्य विषयों पर सरकार को सावधान करने का प्रयास किया लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया। इस दौरान सदन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी उपस्थित थीं। गोगोई ने कहा कि आज बेरोजगार बढ़ गया है, व्यापार पर गंभीर असर पड़ा, लोगों की आमदनी घटी लेकिन महामारी के बाद सरकार ने ईंधन एवं अन्य चीजों की कीमतों को बढ़ाने का काम किया। गोगोई ने कहा कि सरकार के पास सेंट्रल विस्टा के लिये पैसे हैं लेकिन गरीबों के लिये पैसे नहीं हैं।
विपक्ष के सवालों से डरती हैं मोदी सरकार
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राज्यसभा के 12 सदस्यों के निलंबन के मुद्दे को लेकर चल सदन में चल रहे गतिरोध की पृष्ठभूमि में आरोप लगाया कि केंद्र सरकार सवालों से डरती है।राहुल गांधी ने ट्वीट किया, सवालों से डर, सत्य से डर, साहस से डर…जो सरकार डरे,वहां अन्याय ही करे।’’ राहुल गांधी ने यह टिप्पणी उस वक्त की है जब राज्यसभा में 12 सदस्यों के निलंबन को लेकर पिछले चार दिनों से गतिरोध बना हुआ है। संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को इस सत्र की शेष अवधि तक के लिए उच्च सदन से निलंबित कर दिया गया था।
जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।

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