कर्नल ने अपने 12 साल के बेटे से मिलने के लिए फैमिली कोर्ट में अर्जी दायर की थी। फैमिली कोर्ट ने कर्नल की अर्जी स्वीकार करते हुए बेटे से सशर्त मिलने के आदेश जारी किए हैं। कोर्ट ने कहा कि हर महीने के चौथे रविवार को कर्नल सुबह 10 से शाम 7 बजे तक अपने बेटे से मिल सकेंगे। बेटे के नाना अपने नाती को एमजी रोड स्थित ट्रेजर आईलैंड लेकर आएंगे। वहां पर कर्नल को बेटा सुपुर्द करेंगे। शाम 7 बजे उसी स्थान पर कर्नल बेटे को नाना को वापस सौंप देंगे।
मेजर मां ने पिता को बेटे से मिलने से कर दिया था इनकार
अधिवक्ता मनोज बिनीवाले के जरिए कर्नल अक्षय ने बेटे से मिलने की अर्जी कोर्ट में दायर की थी। कर्नल अक्षय की शादी आर्मी में पदस्थ मेजर हरप्रीत से हुई थी। दोनों की अलग-अलग जगह पोस्टिंग रही। दोनों का एक बेटा है। इस बीच दंपती में झगड़े होने लगे तो सहमति से अलग हो गए। कुछ समय तो बेटा कर्नल के पास रहा, फिर पत्नी उसे अपने साथ ले गईं। कर्नल ने मिलने की कोशिश की तो उसे इनकार कर दिया। बेटे की कोई भी जानकारी उन्हें नहीं मिल रही थी। इस पर फैमिली कोर्ट में परिवाद दायर किया।
कर्नल बेटे को उपहार दे सकेंगे, भोजन भी करा सकेंगे
बिनीवाले के मुताबिक कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि कर्नल बेटे को भोजन करा सकते हैं, उपहार भी दे सकते हैं। बेटे को भारत से भेजा जाता है तो कर्नल को भी सूचित करना होगा। भारत में भी किसी राज्य में पढ़ाई के लिए भेजा जाता है तो आवेदक को बताना होगा। कोर्ट द्वारा परिवाद पर अंतरिम आदेश जारी किया है। मामले की अंतिम सुनवाई बाकी है।