तीनों कृषि कानून वापसी को कैबिनेट ने दी मंजूरी

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नई दिल्‍ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) को निरस्त करने संबंधी विधेयक को बुधवार को मंजूरी दे दी. आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी. इन तीन कृषि कानूनों (Farm Laws Repeal) के विरोध में पिछले करीब एक वर्ष से दिल्ली की सीमा पर लगभग 40 किसान संगठन विरोध प्रदर्शन (Farmers Protest) कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ ही दिन पहले राष्ट्र के नाम संबोधन में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले की घोषणा की थी. इसी पृष्ठभूमि में कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक 2021 को मंजूरी दी गई है. लोकसभा सचिवालय के बुलेटिन के अनुसार, 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र (Winter Session 2021) के दौरान तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने से संबंधित विधेयक पेश किये जाने के लिए सूचीबद्ध है.

गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर महीने में केंद्र सरकार विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून, कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून और आवश्यक वस्तु संशोधन कानून, 2020 लाई थी.

इनके विरोध में करीब एक साल से प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों की मुख्य मांग इन तीनों कानूनों को रद्द करना है. सरकार ने जहां इन कानूनों को किसानों की आय बढ़ाने वाला महत्वपूर्ण कदम बताया था वहीं किसानों ने कहा कि ये कानून उन्हें कॉरपोरेट घरानों पर आश्रित बना देंगे.

वहीं किसान संघों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी समेत सरकार के समक्ष उठायी गयी अपनी छह मांगें दोहराते हुए सोमवार को कहा था कि जब तक ये मांगें पूरी नहीं हो जातीं तब तक वह आंदोलन जारी रखेगा. एसकेएम ने यह भी कहा था कि दिल्ली की सीमाओं पर इसका आंदोलन तब तक समाप्त नहीं किया जाएगा, जब तक तीनों संबंधित कृषि कानूनों को संसद में औपचारिक तौर पर निरस्त नहीं कर दिया जाता.

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