नई दिल्ली । अमेरिका के साथ सैन्य संबंधों को मजबूत करने की दिशा में भारत बड़ा कदम उठाने जा रहा है। तीनों सेनाओं के लिए 30 प्रीडेटर ड्रोन पर सोमवार को रक्षा मंत्रालय की बैठक होनी है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि रक्षा सचिव की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में 20,000 करोड़ रुपये से अधिक के इन ड्रोनों के अधिग्रहण के मामले में एक उच्च स्तरीय बैठक होगी। यदि इस बैठक में अधिग्रहण को मंजूरी दे दी जाती है, तो इसे रक्षा मंत्रालय द्वारा अंतिम अनुमोदन के लिए रक्षा अधिग्रहण परिषद को भेजा जाएगा और फिर यह सुरक्षा पर कैबिनेट समिति के पास हस्ताक्षर करने के लिए भैजा जाएगा। सूत्रों ने कहा कि भारत और अमेरिका इस सौदे पर दो साल से अधिक समय से बातचीत कर रहे हैं और यह अब मंजूरी के अंतिम चरण में है। भारतीय नौसेना इस अधिग्रहण मामले में अगुवा है। सरकार से एक बार मंजूरी मिलने के बाद, तीनों सेनाओं को 10-10 ड्रोन मिलेंगे, जिनका उपयोग निगरानी के साथ-साथ आवश्यकता पड़ने पर लक्ष्य पर हमला करने के लिए किया जाएगा। प्रीडेटर ड्रोन को लीज पर भारतीय रक्षा सेवाओं में शामिल किया है। उन्हें भारतीय नौसेना द्वारा सरकार की तरफ से दी गई आपातकालीन खरीद शक्तियों के तहत लिया गया था। भारतीय नौसेना इन ड्रोनों को हिंद महासागर क्षेत्र में उड़ा रही है और यह 30 घंटे तक लगातार हवा में उड़ता रह सकता है। भारत को इजराइल से ड्रोन भी मिल रहे हैं जो उन्हें ऊंचाई वाले क्षेत्रों में चीन की हरकतों पर नजर रखेंगे।
भारत की प्राण शक्ति बहुत से लोगों को दिखाई नहीं देती: आरएसएस प्रमुख
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि भारत के पास अपनी प्राण शक्ति है, लेकिन यह कई लोगों को दिखाई नहीं देती क्योंकि उनकी…