कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने की मुगलों की तारीफ, बाबर, हुमायूं को बताया देशभक्त

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नई दिल्ली । विवादित बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर मुगलों की तारीफ की। उन्होंने बाबर और हुमायूं की तारीफ करते हुए भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने मुगल शासनकाल में धर्म परिवर्तन और लोगों पर अत्याचारों की बात नकारते हुए उन्हें देशप्रेमी बताया। मणिशंकर अय्यर ने कहा कि1872 में अग्रेजों ने पहली जनगणना करवाई। उससे पता लगा कि 666 साल राज करने के बाद, मुसलमानों की संख्या भारत में 24 फीसदी थी। हिंदुओं की आबादी 72 फीसदी थी। कहते हैं कि मुगलों ने मारपीट की, लड़कियों का बलात्कार किया। धर्म परिवर्तन कराया। कांग्रेस नेता ने सवाल उठाया कि अगर मुगल धर्मपरिवर्तन करवाते तो आंकडे उल्टे होने चाहिए थे।
24 फीसदी हिंदू होते और 72 फीसदी मुसलमान। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान बनने से पहले जिन्ना जी की एक ही मांग थी कि मुसलमानों को संसद में 30 फीसदी आरक्षण दीजिए लेकिन तब यह कहते हुए आरक्षण देने से इनकार कर दिया गया कि मुसलमानों की संख्या केवल 26 फीसदी है। मणिशंकर अय्यर ने कहा मुगलों ने इस देश को अपना बनाया। अंग्रेजों ने कहा हम राज करने आए हैं, लेकिन मुगलों ने ऐसा नहीं किया। बाबर भारत आया। वह सिर्फ चार साल 1526 से 1530 तक भारत में रहा। चार साल में ही उसकी मृत्यु हो गई। उसने अपने बेटे हुमांऊ को शिक्षा दी कि अगर देश चलाना चाहते हो, साम्राज्य को सुरक्षित रखना चाहते हो तो निवासियों के धर्म में कभी हस्तक्षेप नहीं करना। अय्यर ने कहा कि अकबर ने 50 वर्ष तक देश में राज्य किया। उनके नाम पर दिल्ली में अकबर रोड है। कांग्रेस का दफ्तर भी अकबर रोड पर है। हम नहीं कहते कि अकबर रोड पर नहीं रह सकते, इसका नाम महाराणा प्रताप रोड कर दीजिए। हम अकबर को अपना मानते हैं। उनकी शादियां राजपूतों से होती थी। जहांगीर आधा राजपूत थे। जहांगीर के बेटे चार में से तीन हिस्सा हिंदू था। मणिशंकर ने कहा कि 80 फीसदी हिंदू, 14 प्रतिशत मुसलमान है। बीजेपी ने 14 प्रतिशत मुसलमान के पीछे, अपनी पूरी राजनीति बनाई है। वह कहती है कि इन्हें कुछ भी देना करना तुष्टीकरण है। वह शाहरूख, सैफ को कहती है कि वे पाकिस्तान जाएं। उन्हें साउदी अरब या बांग्लादेश जाने को पता नहीं क्यों नहीं कहा जाता? क्योंकि वे यह साबित करना चाहते हैं कि हर मुसलमान गद्दार है। उनकी राजनीति की बुनियाद यही है। वे घृणा के आधार पर अपनी राजनीति चलाते हैं।

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