भोपाल। आज पीएम मोदी भोपाल के दौरे पर आ रहे हैं. एक ओर शिवराज सरकार प्रधानमंत्री के स्वागत की तैयारियों में जोरशोर से जुटी है. वहीं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भोपाल आगमन पर उनका स्वागत करते हुए प्रदेश की सरकार के 17 वर्षों के सुशासन और विकास की पोल खोलते हुए एक खुला पत्र लिख, कई सवाल दागे हैं.
कमलनाथ का पीएम मोदी को खुला पत्र
-मध्यप्रदेश में विगत 17 वर्षों से भाजपा (BJP) की सरकार है. इन 17 वर्षों में प्रदेश विकास की दृष्टि से तो देश में शीर्ष पर नहीं है लेकिन बात करें किसानों की आत्महत्या ,बेरोजगारी,गरीबों के कारण लोगों की आत्महत्या, कुपोषण, शिशु मृत्यु दर, भ्रष्टाचार, अवैध उत्खनन, महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार, आदिवासी वर्ग पर उत्पीड़न, बाल अपराधों में जरूर देश के शीर्ष राज्यों में शामिल है.
सबसे असुरक्षित राज्य मध्य प्रदेश
-हाल ही की एनसीआरबी (NCRB) की रिपोर्ट में मध्य प्रदेश बाल अपराधों में देश में शीर्ष पर आया है और बच्चों की सुरक्षा के मामले में देश का सबसे असुरक्षित राज्य माना गया है,आदिवासी अत्याचार में आगे है.
-वही आदिवासियों से अत्याचार और उत्पीड़न की घटनाओं में भी प्रदेश का नाम देश के शीर्ष राज्य के रूप में सामने आया है. पिछले दिनों प्रदेश के नेमावर,खरगोन,नीमच , डबरा, बालाघाट में आदिवासी वर्ग के साथ अत्याचार व दमन की घटनाएं सामने आयी है. जिस पर सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाये और ना ही पीड़ित परिवारों से मिलना तक उचित समझा.
-हमारी सरकार ने विश्व आदिवासी दिवस पर अवकाश घोषित किया था, जिसे भी शिवराज सरकार ने निरस्त कर दिया और उनके हित की हमारी सरकार द्वारा शुरू कई योजनाओं को भी बंद कर दिया.
-वही बात करें तो गरीबी और बेरोजगारी के कारण आत्महत्या करने वालों में मध्य प्रदेश का स्थान देश में तीसरे नंबर पर है.-शिशु मृत्यु दर व कुपोषण में भी प्रदेश शीर्ष पर है.
-महिलाओं से अत्याचार और दुष्कर्म की घटनाओं में भी प्रदेश शीर्ष पर है.-बात करें तो प्रदेश में 1 हज़ार में से 46 बच्चे अपना पहला जन्मदिन नहीं देख पाते हैं.
प्रदेश में खाद संकट चरम पर
-आज प्रदेश में खाद का संकट चरम पर है, किसान खाद के लिए कई-कई दिनों से लाइन में लगे हुए हैं, पुलिस की मार खा रहे हैं, प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन प्रदेश की गूंगी-बहरी सरकार और उनके जिम्मेदार मंत्री किसानों की सुध तक नहीं ले रहे हैं.
-आज बात करें तो प्रदेश में कोयले का संकट चरम पर है, जिसके कारण कई विद्युत इकाइयां बंद पड़ी हुई हैं, जिसके कारण प्रदेश में अघोषित विद्युत कटौती जारी है लेकिन जिम्मेदार ना खाद के संकट को स्वीकार रहे है और ना कोयला और बिजली संकट को स्वीकार कर रहे हैं.
हो रहीं झूठी घोषणाएं
-प्रदेश के मुख्यमंत्री जी को ‘घोषणावीर’ कहा जाता है, आज 17 वर्षों बाद भी वो झूठी घोषणाओं, झूठे नारियल फोड़ने में व्यस्त हैं.
-चुनावी क्षेत्रों में वो ट्रक भरकर नारियल लेकर जाते हैं ,जहां मौका मिलता है फोड़ देते हैं.
-उनकी पिछले 17 वर्ष की 22 हज़ार घोषणाएं आज तक अधूरी हैं.-प्रदेश के आपकी पार्टी के प्रभारी खुलेआम कहते हैं कि बनिया व ब्राह्मण मेरी जेब में है, वह इन वर्गों का खुलेआम अपमान करते हैं और यहां के मुख्यमंत्री उसके बाद भी मौन रहते हैं.
बच्चों की मौत के आंकड़े छिपा रही सरकार
-हाल ही में प्रदेश के भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल (Kamala Nehru Hospital) में आगजनी की घटना से 16 मासूमों की अभी तक मौत हो चुकी है, सरकार मौत के आंकड़े दबाने छिपाने में लगी हुई है. इसके पहले भी इसी अस्पताल में 6 महीने में दो बार आगजनी की घटना घट चुकी है, लेकिन सरकार ने ध्यान नहीं दिया, कोई कदम नही उठाये, अस्पताल में ना फायर सेफ्टी सिस्टम था,ना फायर ऑडिट हुआ था. इस लापरवाही के कारण यह घटना घटी लेकिन इस घटना के 6 दिन बीत जाने के बाद भी आज तक प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ना घटनास्थल का दौरा किया,ना पीड़ित परिवारों से मिलना तक उचित समझा और ना वास्तविक दोषियों पर कोई कार्रवाई की.
किसानों को नहीं मिल रहा न्याय
-अगर बात किसानों की करें तो हमारी सरकार ने किसान कर्ज माफी योजना चालू की थी जिसे शिवराज सरकार (Shivraj Sarkar) ने आते ही बंद कर दिया. आज किसान कर्ज के दलदल के कारण परेशान है,उन्हें उसकी उपज का सही दाम नहीं मिल पा रहा है और ना न्याय.
-पिछले दिनों प्रदेश के ग्वालियर-चंबल संभाग और प्रदेश के अन्य हिस्सों में भारी बाढ़ आई थी. आज तक पीड़ित परिवार मुआवज़े के लिए गुहार लगा रहे हैं, लेकिन ना केंद्र सरकार ने अभी तक कोई राहत राशि दी और ना शिवराज सरकार ने अभी तक पीड़ित परिवारों को कोई मुआवजा और ना राहत राशि दी. जिसके कारण आज भी बाढ़ पीड़ित परेशान हैं. कई गांवों का अभी भी संपर्क टूटा हुआ है, आधारभूत संरचनाएं नष्ट हो गई हैं, कई पुल-पुलिया बह गए हैं लेकिन आज तक उनका काम भी शुरू नहीं हुआ है.
महंगाई से लोग परेशान
-आज महंगाई चरम पर है, महंगाई के कारण लोग परेशान हैं. रोजमर्रा की वस्तुएं, रसोई गैस, डीजल, पेट्रोल के दाम आसमान को छू रहे हैं. पेट्रोल-डीजल के दामों में और कमी की आवश्यकता है और रसोई गैस के दामों में भी कमी की आवश्यकता है, साथ ही इस महंगाई पर नियंत्रण की आवश्यकता है. उम्मीद है कि आप प्रदेश आगमन पर प्रदेश की जनता को महंगाई से कमी की सौगात देंगे.
– मध्यप्रदेश में बेरोजगारी का आंकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. पंजीकृत बेरोजगारों का आंकड़ा 33 लाख के करीब पहुंच चुका है. शिवराज सरकार पिछले 17 वर्षों से लाखों युवाओं को रोजगार देने के झूठे दावे कर रही है, वही आपकी केंद्र सरकार ने भी प्रतिवर्ष 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देने का दावा किया था लेकिन यहां रोजगार को लेकर युवा बहुत परेशान हैं,आत्महत्या को मजबूर है. उम्मीद है कि आप इस वास्तविकता को समझ प्रदेश आगमन पर कुछ आवश्यक कदम उठाएंगे.
-मध्यप्रदेश में बात करें तो आज हर वर्ग परेशान है. कर्मचारी वर्ग अपने डीए में बढ़ोतरी चाहता है, वेतन वृद्धि चाहता है, रुके हुए एरियर की राशि चाहता है, आशा-उषा कार्यकर्ता मानदेय चाहती है,प्रोत्साहन राशि चाहते हैं,चयनित शिक्षक अपना हक चाहते हैं लेकिन शिवराज सरकार इस मामले में उदासीन बनी हुई है.आगे पूर्व सीएम ने लिखा मुद्दे तो बहुत हैं लेकिन इस खुले पत्र के माध्यम से कुछ प्रमुख मुद्दे ही आपके समक्ष रख रहा हूं, उम्मीद है कि आप अपनी इस मध्य प्रदेश यात्रा पर शिवराज सरकार के सुशासन के इस वास्तविकता को जान प्रदेश हित को लेकर कुछ कठोर कदम उठाएंगे.