ऐसे कानून हैं, जिनकी मदद से लोग वकील की फीस के बिना मुकदमा दर्ज करा सकते हैं। अपना केस खुद लड़ सकते हैं। यदि निचले स्तर पर परेशान हो चुके हैं तो सादे कागज पर लिखे आवेदन से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज करा सकते हैं। आज 9 नवंबर न्यायिक सेवा दिवस पर एक्सपर्ट के जरिए जानिए ऐसे कानूनों के बारे में, जिनकी मदद से लोग निष्पक्ष और नि:शुल्क न्याय पा सकते हैं।
एक्सपर्ट से जानिए ऐसे कानून जो आपके लिए हैं, जिन्हें अपनाकर आप पा सकते हैं निष्पक्ष न्याय प्रक्रिया
सादे आवेदन से सुप्रीम कोर्ट तक
यदि कार्यपालिका, न्यायपालिका, विधायिका से परेशान हैं तो इससे आगे सुप्रीम कोर्ट तक अपनी बात सादे कागज़ पर लिखकर पहुंचा सकते हैं। पत्र याचिका जनहित मुद्दे पर होना चाहिए। इसका शुल्क नहीं लगता है। इसी तरह बात राष्ट्रपति तक भी पहुंचाई जा सकती है।
असुविधा पर जनउपयोगी अदालत
सरकारी विभाग यदि काम नहीं कर रहे हैं तो आप जनउपयोगी अदालत में जा सकते हैं। उदाहरण के लिए पानी, बिजली या सफाई की समस्या। जनउपयोगी अदालत प्रति शुक्रवार जिला कोर्ट में लगती है।
अधिवक्ता अधिनियम में खुद लड़ें केस
अमूमन यही धारणा है कि कोई भी केस लड़ने के लिए एक वकील चाहिए, लेकिन कोई भी पक्षकार अपना केस स्वयं लड़ सकता है। अधिवक्ता अधिनियम के अंतर्गत आप बगैर अधिवक्ता हुए विधि व्यवसाय नहीं कर सकते परंतु स्वयं का मुकदमा लड़ सकते हैं, यह आपका नैसर्गिक अधिकार है।
इलाज, राशन न मिले तो शिकायत करें
उचित इलाज, राशन, सिर छिपाने को छत यह सब सामान्य व्यक्ति के मौलिक अधिकार हैं। यदि वह इनसे वंचित है तो सीधे उचित फोरम पर शिकायत कर सकता है। यदि आपको समाज में कहीं भी अश्लीलता दिखाई देती है तो आप पुलिस में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
फीस नहीं हैं तो विधिक सेवा प्राधिकरण वकील उपलब्ध कराएगा
आप न्याय पाने के लिए मुकदमा लड़ना चाहते हैं और वकील की फीस चुकाने में असमर्थ हैं, तो आप चिंता न करें। सरकार आपको मुफ्त में वकील उपलब्ध कराएगी। इसके लिए भारतीय संसद ने विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 पारित किया था। इसमें आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों को फ्री में कानूनी सहायता देने का प्रावधान है।
इन्हें मिलती है नि:शुल्क सुविधा
जिनकी सालाना आमदनी 2 लाख तक है, महिलाएं, अजा, अजजा, मानसिक रोगी या विकलांग, औद्योगिक श्रमिक, प्राकृतिक आपदा पीड़ित को विधिक सेवा प्राधिकरण नि:शुल्क सहायता देती है। – मनीष श्रीवास्तव, जिला न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण
बिना फीस के केस होगा दर्ज
किसी आर्थिक रूप से अक्षम व्यक्ति के पास कोर्ट फीस नहीं हैं तो वह नादारी में जा सकता है। ऐसे में उसे सिविल केस में लगने वाला न्याय शुल्क नहीं देनी पड़ेगा।