निवाड़ी। बुंदेलखंड की छोटी अयोध्या और जन-जन के आराध्य भगवान श्री रामराजा सरकार की नगरी ओरछा में प्रतिवर्ष की भांति इस साल भी दीपोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस अवसर पर जहां लोगों ने अपने घरों को सजाकर मां लक्ष्मी जी का पूजन किया और पटाखे जलाएं, वहीं ओरछा के सभी देवालयों में भी परम्परागत तरीके से दीप प्रज्ज्वलित करवाए गए. श्री रामराजा मन्दिर प्रांगण में करीब ग्यारह हजार दीपक राम भक्तोंं द्वारा जलाए गए. इसके बाद माता जानकी मन्दिर परिसर में दो हजार एक सौ एक दीपक प्रज्वलित किए गए. कई श्रद्धालुओं ने इस कार्यक्रम में भाग लिया.
रामराजा मंदिर में दीपोत्सव
ऐसी मान्यता है कि दीपावली के अवसर पर भगवान श्रीराम चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या पहुंचे थे, यही कारण है कि धार्मिक नगरी ओरछा में वर्षों से श्री रामराजा मन्दिर परिसर, मां जानकी मन्दिर, चतुर्भुज मंदिर, हरदौल बैठका,लक्ष्मी जी मन्दिर सहित सभी देवालयों में भक्तों द्वारा दीप जलाये जाते हैं. मां जानकी जी मन्दिर के प्रधान पुजारी हरीश दुबे ने बताया कि इस मन्दिर में शेषनाग के उपर भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी जी की अद्भुत प्रतिमा भी विराजमान है यही कारण है कि जानकी जी मन्दिर में हर दीपावली पर भक्तों द्वारा भक्ति के साथ सुख-सम्पत्ति की प्राप्ति के लिए दीप प्रज्ज्वलित किए जाते है.
जलाये गये 11000 दिये
सालों पुरानी परंपरा को निभाते हुए भक्तों ने इसबार भी दीपोत्सव मनाया. इस साल श्री रामराजा मन्दिर प्रांगण में करीब ग्यारह हजार दीपक भक्तों द्वारा जलाए गए. इसके बाद माता जानकी जी मन्दिर परिसर में दो हजार एक सौ एक दीपक प्रज्वलित किए गए. इस दौरान मंदिर का नजारा देखने लायक रहता है. दीपों की रौशनी से पूरा मंदिर प्रांगण नहा जाता है.