भोपाल। देशभर में आज दीपावली का त्योहार मनाया जा रहा है. दीपावली की पूजा को लेकर भी लोगों को विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. गुरुवार के दिन दीपावली होने से पंडितों और ज्योतिषाचार्य का कहना है कि यह दिन बेहद ही फलदायक है. दिवाली का पर्व जीवन में नई उमंग, उत्साह के संचार का त्योहार है. घनघोर अंधेरे को चीरती एक दीये की रोशनी की ताकत हमें जीवन में इसी तरह आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देती है.
आज का दिन है विशेष
पंडित धर्मेंद्र शास्त्री के अनुसार गुरुवार के दिन दीपावली का होना अपने आप में ही विशेष महत्व रखता है, क्योंकि गुरुवार का दिन भगवान विष्णु का होता है, जो माता लक्ष्मी के स्वामी हैं. ऐसे में इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा होने से विशेष फल की प्राप्ति होगी.
दीपावली शुभ मुहूर्त
दिवाली की रात में मां लक्ष्मी के पूजन का विशेष महत्व होता है. शुभ मुहूर्त पर मां लक्ष्मी का पूजन जीवन को खुशहाली और धनसंपदा से भर देता है. दीपावली के दिन विशेष मुहूर्त शाम 6:09 से प्रारंभ होकर 8:20 तक रहेगा. सूर्य उदय के समय में परिवर्तन के चलते मध्य प्रदेश में इसका पूजन शाम 6:26 से शुरू होकर 8:30 बजे तक रहेगा. इसी बीच वृषभ लग्न भी है. इसी लग्न में माता महालक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए.
व्यापारी वर्ग इस मुहूर्त में करें पूजा
शास्त्री जी के अनुसार जो परिवार से जुड़े लोग हैं, वे इस मुहूर्त में पूजा करें. उन्हें विशेष फल की प्राप्ति होगी. वहीं व्यापारी वर्ग बहीखातों की भी पूजा करता है, वे लोग रात को 12ः50 से 3:00 बजे के मध्य रात्रि के समय माता लक्ष्मी की पूजा करें.
दिवाली पर ऐसे करें मां लक्ष्मी का पूजन
दिवाली पर मां लक्ष्मी के पूजन के लिए सबसे पहले पूजा स्थल की अच्छी तरह से साफ-सफाई करना चाहिए. पूरे घर की पवित्रता को बनाए रखने के लिए गंगाजल से छिड़काव करना चाहिए. इसके साथ ही मां लक्ष्मी के आगमन के लिए पहले से ही घर के बाहर रंगोली सजा देनी चाहिए. अब पूजा स्थल पर एक चौकी सजाएं और उस पर लाल कपड़ा बिछाकर मां लक्ष्मी और गणेश जी की प्रतिमा या फिर तस्वीर को रख दें.
चौकी पर जल से भरा एक कलश जरूर रखें. इसके बाद मां लक्ष्मी, गणेश जीकी मूर्तियों/तस्वीरों पर तिलक लगाकर दीप जलाएं. इसके बाद अक्षत, गुड़, हल्दी, अबीर-गुलाल, फल मां लक्ष्मी के चरणों में अर्पित करें. इसके बाद कुबेर देवता, भगवान विष्णु, मां काली और मां सरस्वती की विधि-विधान से पूजा करें. घर में मौजूद सभी सदस्यों को मां लक्ष्मी का पूजन एकत्रित होकर करना चाहिए. महालक्ष्मी पूजन के बाद घर की तिजोरी या प्रतिष्ठान की तिजोरी का पूजन करें. बहीखाता और व्यापारिक उपरकरण का भी पूजन करें. पूजन के बाद सभी को मीठा प्रसाद और जरूरतमंद को दक्षिणा दें