इंदौर .सफाई में नंबर वन इंदौर के रेलवे स्टेशन की सूरत बदल गई है। स्टेशन के दो प्लेटफॉर्म के बीच पौधे उगाकर गार्डन का रूप दिया है। पुराने इंजन के पार्ट्स से मूर्तियां, कलाकृतियां तैयार की हैं। इसे स्टेशन के सभी हिस्सों में लगाया है। सफाई पर भी खास ध्यान है। स्टेशन परिसर का थोड़ा भी कचरा बाहर नहीं जा रहा। स्टेशन पर ही कचरे से खाद बन रही है। सफाई भी तीन पारियों में 24 घंटे चल रही है। यात्रियों के बैठने की जगह, प्लेटफॉर्म, यार्ड सब कुछ चकाचक है। एक साल पहले जब रेलवे स्टेशन स्वच्छता सर्वेक्षण में 34वें नंबर पर आया था, इसके बाद से ही तैयारियां शुरू कर दी गईं कि इंदौर स्टेशन अब नंबर वन बने। इसके लिए स्टेशन परिसर के अंदर से बाहर तक के लिए प्लानिंग की गई। इसके बाद ये बदलाव दिखने भी लगा है।
सफाई : 20 लाख रु. महीने का खर्च इस पर –सफाई तीन पारी में 24 घंटे हो रही। इस पर 20 लाख रुपए महीने खर्च हो रहा। यार्ड में प्लांट लगाया है। यहां कचरे से खाद बनाई जाती है। रतलाम रेल मंडल का पहला प्लांट यहां लगाया है। स्टेशन पर पार्किंग से अंदर तक पेंटिंग की है।
रोशनी : पूरे स्टेशन पर एलईडी लाइट लगाई –यार्ड से स्टेशन परिसर में एलईडी लाइट लगाई गई। हाईमास्ट भी लगाए गए। रात के समय स्टेशन के यार्ड से पूरा परिसर इन्हीं लाइट से जगमग रहता है। सोलर सिस्टम भी लगाया है। इससे रेलवे का बिजली का खर्च भी आधा हो गया है।
जोधपुर : नंबर 1 क्योंकि 24 घंटे मॉनिटरिंग –फिलहाल नंबर 1 जोधपुर स्टेशन पर 2200 सफाईकर्मी हैं। डायरेक्टर की नियुक्ति की, जिसका काम था सफाई पर नजर रखना। यात्रियों को जागरूक किया। प्लास्टिक बॉटल खत्म करने के लिए बॉटल क्रशर मशीन लगाई गई।
निरीक्षण : टीम ने यात्रियों से लिया फीडबैक –रेलवे स्टेशन के स्वच्छता सर्वे (क्वालिटी काउंसिल अॉफ इंडिया, क्यूसीआई) के लिए दिल्ली से टीम रविवार को इंदौर पहुंची। टीम ने स्टेशन पर सफाई व्यवस्था देखी। प्लेटफॉर्म, यार्ड का निरीक्षण किया। यात्रियों से फीडबैक लिया
- एक साल पहले जब रेलवे स्टेशन स्वच्छता सर्वेक्षण में 34वें नंबर पर आया था, इसके बाद से ही तैयारियां शुरू कर दी गईं
- सफाई तीन पारी में 24 घंटे हो रही, इस पर 20 लाख रुपए महीने खर्च हो रहा