भिंड। मध्य प्रदेश में बिजली समस्या हर जिले में देखने को मिल रही है. भिंड जिले में भी हालात ऐसे ही हैं. अघोषित बिजली कटौती, खराब ट्रांसफॉर्मर का ना बदलना और कभी बढ़े तो कभी एवरेज बिल देना सबसे बड़ी समस्या है. जिसको लेकर लगातार शिकायतों का बोझ भी विभाग पर बढ़ रहा है. इस बोझ से निजात और जनता को राहत देने के लिए भिंड में एक नया जोन बनाने का फैसला भिंड बिजली विभाग ने लिया है. इसके लिए एक प्रस्ताव भोपाल भी भेजा गया है.
हर रोज आती हैं 500 शिकायतें
बिजली विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, भिंड में फिलहाल दो जोन बने हैं. एक वॉटर वर्क्स जोन और दूसरा आईटीआई जोन. इन दोनों जोन में करीब 40 हजार बिजली कनेक्शन हैं. ऐसे में इतने उपभोक्ताओं के बीच आने वाली समस्याओं की संख्या भी ज्यादा होती है. अमूमन प्रतिदिन करीब 500 कम्प्लेंट रजिस्टर होती हैं. लेकिन इनका त्वरित समाधान नहीं हो पता है. जिसकी वजह से समस्याओं की पेंडेंसी बढ़ जाती है, और कर्मचारियों पर इसका लोड भी.
बीटीआई जोन बनाने का प्रस्ताव
समस्याओं और शिकायतों को देखते हुए बिजली विभाग के आला अधिकारियों ने भिंड शहरी क्षेत्र में एक नया जोन बनाने का प्रस्ताव तैयार कर भोपाल भेजा है. इस प्रस्ताव के मुताबिक, नया जोन ‘बीटीआई जोन’ बनाने की तैयारी है. इस जोन के बनने से करीब 13 से 15 हजार उपभोक्ताओं को नए जोन पर ट्रांसफर कर दिया जाएगा. जिससे लोड भी 3 जोन में बंट जाएगा. इसके साथ ही शिकायतों के लिए भी सुनवाई दो की जगह तीन जोन कार्यालयों पर हो सकेगी. इसके लिए अलग से एक टीम भी बनाई जाएगी, जो शिकायतों के त्वरित निवारण पर काम करेगी.
हजार करोड़ का बकाया वसूल नहीं पा रहा विभाग
भिंड जिले में सबसे बड़ी समस्या बिजली चोरी की है. यहां लोग बिजली कनेक्शन होने के बाद भी कई बार बिजली चोरी जैसे अपराध में संलिप्त हो जाते हैं. ट्रांसफॉर्मर पर अवैध रूप से कटिया डाल कर भी लोग बिजली चोरी करते हैं. वहीं एवरेज बिल या ज्यादा बिल आने की वजह से या लोगों द्वारा बिल नहीं भरने की वजह से भिंड जिले में बिजली बकाया करोड़ों में है. बिजली कंपनी को भिंड जिले से करीब 1 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि वसूल करनी है. जिसके लिए समय-समय पर अभियान भी चलाए जाते हैं. लेकिन सारे हथकंडे बिजली विभाग के काम नहीं आ रहे हैं.
भोपाल से मुहर लगना जरूरी
बिजली विभाग के डीई शुभम चौधरी ने बताया कि उन्होंने प्रस्ताव बनाकर तो भेजा है, लेकिन जब तक इन प्रस्ताव पर भोपाल से मुहर नहीं लगती, तब तक इसका कोई फ़ायदा नहीं निकलता है. ऐसे में बिजली उपभोक्ताओं को देखते हुए नया जोन अब जरूरी हो गया है, जिसके लिए हम प्रस्ताव समय-समय पर भेज रहे हैं.