जानें कौन है यह IAS अफसर जिसने कश्मीर में हालात को लेकर इस्तीफा दे दिया ?

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साल 2018 में केरल में आए बाढ़ के दौरान अपने काम को लेकर सराहे गए आईएएस अधिकारी कन्‍नन गोपीनाथ ने इस्तीफा दे दिया. दरअसल, कन्नन ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा खत्मकर लाखों लोगों के ‘मूलभूत अधिकार’ छीन लिए गए हैं.

उनका कहना है कि वह सिविल सेवा में यह उम्मीद लेकर आए थे कि वह लोगों की आवाज बन सकेंगे जिन्हें बोलने नहीं दिया जाता. लेकिन यहां वह खुद अपनी ही आवाज नहीं उठा पा रहे. बता दें कि 2012 बैच के केरल से आईएएस अधिकारी इन दिनों केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली में तैनात थे.कन्नन के इस्तीफा देने पहले पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल स्वरूप ने ट्वीट किया ‘हमे अपने इस तरह के अधिकारीयों पर बेहद गर्व है.

#KannanGopinath, an IAS officer, worked in #KeralaFloodRelief camps
as a volunteer without letting anyone know of his true identity.#KeralaFloods2018 #KeralaFloods

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कन्नन केरल के कोट्टयम के रहने वाले हैं. वह 2010 की सिविल सेवा परीक्षा में शीर्ष पर रहे भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी शाह फैसल के बाद सबसे कम उम्र में अपनी सर्विस से इस्तीफा देने वाले देश के दूसरे आईएएस अधिकारी बन गए हैं. बता दें कि गोपीनाथ कन्नन इस समय पावर एंड नॉन कन्वेंशनल ऑफ एनर्जी के सेक्रेट्री पद पर अपनी सेवा दे रहे थे.

सूत्रों के मुताबिक गोपीनाथ मौजूदा प्रशासनिक कार्यशैली और कश्मीर में असामान्य हालात से खुश नहीं थे. उन्होंने सिर्फ यही कहा कि वह अपनी आजादी चाहते हैं. मैं कभी भी अपने सिद्धांत के साथ समझौता नहीं करता हूं. मीडिया के हवाले से यह भी पता चला है कि कन्नन को कुछ दिनों से ऐसा लग रहा था कि वो अपनी सोच को आवाज नहीं दे पा रहे हैं, इसलिए अपनी आवाज को वापस पाने के लिए इस्तीफा देने का निर्णय किया. अब वह आगे क्या करेंगे, उन्होंने इस बारे में किसी को कुछ नहीं बताया है.

Kannan@naukarshah

I once thought that being in civil services meant an opportunity to expand the rights and freedoms of fellow citizens!

बता दें की वहीं पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने केंद्रीय चुनाव आयोग से भी मौजूदा यूटी प्रशासन के बड़े अधिकारियों की शिकायत की थी कि उन्हें प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है। इसके बाद उन्हें सिलवासा कलेक्टर पद से हटाकर कम महत्व के विभाग की जिम्मेदारी दे दी गई थी। गोपीनाथ कन्नक सिलवासा कलेक्टर रहते हुए सराहनीय कार्य किया था।

Anil Swarup✔@swarup58

We are all proud of such officers. Kannan won accolades for his work. Why does he choose to resign from a service, the IAS, that offers so much scope to serve the people & derive enormous amount of satisfaction? He himself demonstrated what can be done. https://www.hindustantimes.com/india-news/ias-officer-who-earned-accolades-for-service-during-kerala-floods-resigns/story-1C3KxrPafS0V95at6Jmk6M.html …

IAS officer who earned accolades for service during Kerala floods resigns | india news | Hindustan…

According to a source close to the officer, Gopinathan had decided to quit the IAS as he felt the service conditions hampered his urge to express his views freely.hindustantimes.com

वहीँ पिछले साल केरल में आई भीषण बाढ़ के दौरान गोपीनाथ चर्चा में आए थे. तब उन्होंने अपनी पहचान छुपाकर आठ दिनों तक केरल में बाढ़ पीड़ितों की मदद की थी. गोपीनाथ 26 अगस्त को केरल मुख्यमंत्री राहत कोष में देने के लिए दादरा नगर हवेली की ओर से एक करोड़ रुपए का चेक देने केरल पहुंचे थे. लेकिन चेक सौंपने के बाद वापस लौटने की बजाय कन्नन ने वहीं रुककर अपने लोगों की मदद करने का फैसला किया. यहां वह अलग-अलग राहत शिविरों में सेवा देते रहे. इस दौरान उन्होंने किसी को जाहिर नहीं होने दिया कि वह दादरा नगर हवेली के जिला कलेक्टर हैं. उन्होंने राहत सामग्री अपने कंधे पर रखकर लोगों तक पहुंचाई थी. इस दौरान उनकी खूब प्रशंसा हुई थी. सोशल मीडिया पर लोग उन्हें असली हीरो कहने लगे थे.

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