खाद की कालाबाजारी करने वालों पर लगेगा रासुका

भोपाल मध्यप्रदेश

भोपाल । खाद की किल्लात और कालाबाजारी से परेशान किसानों के हित में सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. एमपी में अब खाद की कालाबाजारी करने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगेगा. मुख्यमंत्री ने अफसरों को निर्देश दिए हैं कि जो जरूरत से ज्यादा खाद खरीद रहे हैं उन पर नजर रखी जाए. एक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा. वहां से 24 घंटे खाद की व्यवस्था की मॉनिटरिंग की जाएगी.सीएम शिवराज ने किसानों को भरोसा दिलाया है कि सरकार खाद की व्यवस्था में लगी हुई है. केंद्र सरकार से पूरा सहयोग मिल रहा है. सीएम ने किसानों को चिंता नहीं करने के लिए कहा है. मुख्यमंत्री ने किसानों से धैर्य बनाए रखने की अपील की है.

32 रैक आएंगे
मुख्यमंत्री ने कहा है कि 31 अक्टूबर तक प्रदेश में खाद के 32 रेक आएंगे. खाद की उपलब्धता बढ़ाने के लिए केंद्रीय उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया से फोन पर चर्चा की गयी है. केंद्र ने राज्य सरकार को इस बात का भरोसा दिलाया है कि प्रदेश की जरूरत के मुताबिक यूरिया और डीएपी उपलब्ध कराया जाएगा. सीएम शिवराज ने आज मंत्रालय में खाद के लिए बैठक की. इसमें गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बेंस और कृषि विभाग के अफसर मौजूद थे. मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि नवंबर महीने के लिए छह लाख मीट्रिक टन यूरिया और छह लाख मीट्रिक टन डीएपी मिलेगी.

कंट्रोल रूम से निगरानी
मुख्यमंत्री ने खाद की आपूर्ति और व्यवस्था के लिए कंट्रोल रूम बनाकर निगरानी के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने अफसरों से कहा है कि जो जरूरत से ज्यादा खाद खरीद रहे हैं उन पर नजर रखी जाए. कलेक्टर अपने स्तर पर लोगों को खाद की आपूर्ति और राज्य सरकार की तरफ से की जा रही व्यवस्था के संबंध में जानकारी दें मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि खाद की कालाबाजारी करने वालों पर रासुका लगाई जाए.

श्वेत पत्र जारी करने की मांग
पूरे प्रदेश में खाद की किल्लत और किसानों की परेशानी देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है. उन्होंने सरकार से पूछा कि अगर प्रदेश में खाद का संकट नहीं है. तो एक-एक बोरी के लिए सड़कों पर प्रदर्शन क्यों हो रहा है. सरकार इसका जवाब दे. कमलनाथ ने सरकार से पूछा है कि कांग्रेस की सरकार में खाद की कितनी डिमांड थी और कितनी उपलब्धता थी और किस तरह से आपूर्ति हुई. जबकि प्रदेश की बीजेपी सरकार में आज की कितनी डिमांड है और कितनी उपलब्ध है इस पर श्वेत पत्र जारी किया जाना चाहिए.

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