असम, आंध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक और महाराष्ट्र में बाढ़, सूखा व चक्रवात का ज्यादा जोखिम : रिपोर्ट

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नई दिल्ली । भारत में असम, आंध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक और महाराष्ट्र बाढ़, सूखा व चक्रवात जैसी विपरीत जलवायु संबंधी घटनाओं के लिए सबसे ज्यादा जोखिम वाले राज्य हैं। दिल्ली स्थित एक थिंक टैंक की रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आए हैं। काउंसिल आन एनर्जी, एनवायरमेंट एंड वाटर द्वारा जारी जलवायु संवेदनशीलता सूचकांक में यह बात भी सामने आई है कि 80 प्रतिशत से अधिक भारतीय जलवायु संबंधी चरम घटनाओं के जोखिम वाले जिलों में रहते हैं। इतना ही नहीं, 463 जिले अत्यधिक बाढ़, सूखे और चक्रवात के जोखिम के दायरे में हैं। इनमें से 45 फीसद से अधिक जिले अस्थिर परिदृश्य और बुनियादी ढांचे में बदलावों का सामना कर चुके हैं। इसके अलावा, 183 हाटस्पाट (सबसे ज्यादा घटनाओं वाले) जिले जलवायु संबंधी एक से अधिक चरम घटनाओं के लिए अत्यधिक जोखिम की चपेट में हैं। विश्व मौसम संगठन की एक नई रिपोर्ट आई है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल चक्रवात, बाढ़ और सूखा जैसे प्राकृतिक आपदाओं की वजह से भारत को 6535 अरब रुपए का नुकसान हुआ है। चीन को सबसे अधिक 238 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है। नुकसान के मामले में भारत 87 बिलियन डॉलर के साथ दूसरे स्थान और जापान 83 बिलियन डॉलर के साथ तीसरे स्थान पर रहा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले साल एशिया ने रिकॉर्ड गर्मी देखी है। एशिया का औसत तापमान 1981-2010 की तुलना में 1.39 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा है। दक्षिण और पूर्व एशिया में मानसून के असामान्य रूप से सक्रिय रहने के कारण कई देशों में भयंकर नुकसान हुआ है। अम्फान जैसे तूफान की वजह से भारत में 24 लाख और बांग्लादेश में 25 लाख विस्थापित होने को मजबूर हुए। चक्रवात, मानसून की बारिश और बाढ़ ने दक्षिण एशिया और पूर्वी एशिया में घनी आबादी वाले क्षेत्रों को प्रभावित किया है। पिछले साल भारत, चीन, बांग्लादेश, जापान, पाकिस्तान, नेपाल और वियतनाम में लाखों लोगों का विस्थापन हुआ है।

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