बिलासपुर,देश के जाने माने वकील, एक मृदुभाषी राजनेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन पर छत्तीसगढ़ और खासकर बिलासपुर में भी मातम पसरा हुआ है। छत्तीसगढ़ का जो हाईकोर्ट अब बिलासपुर की पहचान बन गया है, उसकी स्थापना-उद्घाटन समारोह के शिलालेख इस मातम का कारण बयां करते नज़र आते हैं।
बिलासपुर शहर की भी भावनाओं से जुड़ी हुई हैं। वह एक ऐतिहासिक पल एक नवंबर सन 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के दिन बिलासपुर में हाई कोर्ट की स्थापना हुई, तब अरुण जेटली अटल वाजपेई की सरकार में विधि एवं न्याय मंत्री के तौर पर चीफ पूर्वानुमान की हैसियत शरीक हुए थे।
स्थापना की अगर बात करें तो शुरू के दिनों में शहर के नॉर्मल स्कूल में हाई कोर्ट शुरू किया गया था। और एक नवंबर सन् 2000 को हाईकोर्ट का विधिवत उद्घाटन किया गया था।
इस अवसर पर हाई कोर्ट के स्थापना समारोह में अरुण जेटली के साथ सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस बी एन कृपाल, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट जबलपुर के चीफ जस्टिस भवानी सिंह, छत्तीसगढ़ के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री अजीत जोग, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के एक्टिंग शेफ जस्टिस आर एस गर्ग और एस। एस। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के रजिस्टार जनरल पीके झा भी समारोह में मौजूद थे। उसके समारोह के प्रत्यक्षदर्शियों को आज भी वह ऐतिहासिक क्षण याद है और छाया चित्रों में आज भी यह शब्द मौजूद हैं ।साथ ही छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर की स्थापना के शिलान्यास पत्थर पर भी उनका नाम अंकित है। उनके निधन के बाद श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शहर के लोगों ने भी उस ऐतिहासिक पल को याद किया।