उज्जैन। महाकाल की नगरी में पांच दिवसीय विक्रमोत्सव-2021 की शुरूआत की गयी. रविवार को शुरू हुए इस कार्यक्रम में मप्र के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, सांसद विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति अखिलेश कुमार पांडेय शामिल हुए. कार्यक्रम में सबसे पहले बाल कलाकरों ने गणेश स्तुति को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया. कोरोना गाईड लाईन का पालन करते हुए कलाकारों ने विक्रमोत्सव 2021 को नए क्लेवर में पुराने वैभव के साथ डिजिटल तकनीक में पेश किया, जिसमें विक्रम बेताल व अवन्तिका नगरी उज्जैन में हुए आक्रमण को दर्शया गया।
पांच दिनों तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन
उज्जैन विक्रमादित्य शोध पीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने जानकारी देते दी कि उज्जैन विक्रमोत्सव-21 में तीन चित्र प्रदर्शनी, चार नाट्य प्रस्तुतियां एवं समापन दिवस पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. उज्जैन का गौरवशाली इतिहास रहा है इस अवसर पर महाराज विक्रमादित्य शोध पीठ द्वारा प्रकाशित सात मूल्यवान पुस्तकों का विमोचन भी अतिथियों ने किया. कार्यक्रम के पहले दिन विक्रमकालीन पुरातत्वीय मुद्रा और मुद्रांक, विक्रम संवत् ऐतिहासिक अध्ययन, संस्कृत वांग्मय में जल: स्वरूप एवं प्रबंधन, किंवदंती पुरुष महाराज भोज, विक्रमादित्य विषयक पुरातात्विक साक्ष्य, विक्रमादित्य कालीन न्याय व्यवस्था एवं द मेस्ट ऑफ क्रियेशन इंडस वैली कल्चर सील्स शामिल हैं जिनका विमोचन हुआ. कार्यक्रम में चित्र प्रदर्शनी गणनायक, विक्रमकालीन पुरात्तत्वीय मुद्रा एवं मुद्रांक एवं स्वराज संस्थान संचालनालय द्वारा मध्यप्रदेश के क्रांतिकारी का उद्घाटन हुआ, जो आखरी दिन तक आम लोगों के लिए खुली रहेगी।
कलाकारों की नगरी है उज्जैन- उच्च शिक्षा मंत्रीविक्रमोत्सव में शामिल हुए उच्चशिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन कलाकारों की नगरी है. आने वाले दिनों में 12 करोड़ की लागत से उज्जैन में प्राचीन सिक्कोंं का संग्रहालय, 20 करोड की राशि से सभागृह व एक कक्ष बनाने की बात उच्च शिक्षा मंत्री ने कही. साथ ही कलाकरों की प्रस्तुति देख मंत्री मोहन यादव ने 51,000 की राशि कलाकारों को भेंट स्वरूप देने की बात कही।