प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अफगानिस्तान पर G-20 ग्रुप के नेताओं की मंगलवार को एक असाधारण बैठक में भाग लेंगे। यह ऑनलाइन बैठक G-20 के वर्तमान अध्यक्ष इटली ने बुलाई है। विदेश मंत्रालय ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि इस बैठक में मुख्य रूप से अफगानिस्तान के लोगों के लिए मानवीय आवश्यकताओं और मूलभूत सेवाओं की आपूर्ति, सुरक्षा और आतंकवाद से मुकाबला,आवागमन की सुविधाओं, आव्रजन और मानवाधिकार जैसे विषयों पर चर्चा होगी। मोदी ने पिछले महीने भी अफगानिस्तान पर शंघाई सहयोग संगठन-CSO और सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन की संपर्क बैठक में ऑनलाइन माध्यम से भाग लिया था।
विदेश मंत्री डा एस जयशंकर अभी पिछले दिनों न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के दौरान G-20 के विदेश मंत्रियों की अलग से हुई बैठक में शामिल हुए थे। G-20 में विश्व की 20 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देश और समूह शामिल हैं। विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि G-20 अफगानिस्तान में लगातार बढ़ रहे मानवीय संकट के इस दौर में वहां की स्थिति का सामना करने के लिए वैश्विक स्तर पर सहमति बनाने और संयुक्त राष्ट्र सहित बहुपक्षीय एजेंसियों तथा वैश्विक एवं क्षेत्रीय शक्तियों के बीच समन्वय का एक महत्वपूर्ण मंच है।
फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रां ने कहा है कि G-20 की इस बैठक में अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्ववाली सरकार को मान्यता देने के लिए उन पर शर्तें लगानी चाहिए। उन्होंने इसमें महिलाओं और बालिकाओं के अधिकार की रक्षा की शर्त को शामिल करने पर जोर दिया है। इटली के प्रधानमंत्री मारिया द्राघी ने अफगानिस्तान पर G-20 की बैठक बुलाते हुए कहा कि अफगानिस्तान में मानवीय त्रासदी टाला दुनिया के धनी देशों का कर्तव्य बनता है।” मंगलवार की बैठक में अफगानिस्तान को अंतराष्ट्रीय आतंकवाद अड्डा बनाने से रोकने के उपायों पर भी चर्चा की जाएगी।