कांग्रेस ने रविवार को देश में कोयले की कमी के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया और आशंका जताई कि पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद अब बिजली की दरें बढ़ाई जा सकती हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने कोयले की कमी की जांच की मांग की। कई राज्यों ने कोयले की भारी कमी के मद्देनजर बिजली संकट उत्पन्न होने की चेतावनी दी है, लेकिन कोयला मंत्रालय ने कहा है कि बिजली उत्पादन संयंत्रों की मांग को पूरा करने के लिए देश में पर्याप्त सूखा ईंधन उपलब्ध है। मंत्रालय ने बिजली आपूर्ति में व्यवधान के संबंध में किसी भी भय को ‘‘पूरी तरह से गलत” करार देते हुए खारिज कर दिया है।
रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘अचानक हम बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति में संकट के बारे में सुन रहे हैं। क्या एक विशेष निजी कंपनी इस संकट से लाभ उठाने के प्रयास में है? लेकिन कौन जांच करेगा।” कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि यह उनके ‘दोस्तों’ के फायदे के लिए ‘मोदी निर्मित बिजली संकट’ है।
सुरजेवाला ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘प्यारे देशवासियों, तैयार हो जाएँ। पेट्रोल के बाद जेब पर गिरेगी, बिजली की कीमत। कोयले की आपूर्ति में भारी क़िल्लत कर दी है। साथ ही, बिजली नीति संशोधित कर दी। संशोधन के बाद साहेब और ‘उनके मित्र’ मनमर्ज़ी रुपये/ यूनिट बिजली बेचेंगे। ज़ोरदार विनाश उफ्फ, विकास!”
उन्होंने कहा, ‘‘कोयला ख़त्म! कोयले की दलाली में हाथ काला करने वाले अंधेरी रात का इंतज़ाम कर रहे हैं। पानी, पेट्रोल, डीज़ल की तरह बिजली ख़रीदना पड़ेगा। जितने घंटे बिजली चाहिए पैसा दो, बिजली लो…. साहेब ने दोस्तों के लिए ये भी मुमकिन कर दिखाया…।”