लखीमपुर खीरी मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, सीबीआइ जांच कराने की मांग

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नई दिल्ली ।

लखीमपुर खीरी मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। दो वकीलों ने मामले को लेकर कोर्ट को पत्र लिखा है। इसमें सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में घटना की न्यायिक जांच सीबीआइ से कराने की अपील की गई है। साथ ही गृह मंत्रालय और पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने और लखीमपुर खीरी कांड में शामिल लोगों को दंडित करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

पत्र में दोनों वकीलों ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट से लखीमपुर खीरी कांड की जांच शीर्ष अदालत की निगरानी में समयबद्ध तरीके से की जाए। अधिवक्ता शिव कुमार त्रिपाठी और सीएस पांडा ने कहा कि लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या की गंभीरता को देखते हुए इस मामले में कोर्ट को हस्तक्षेप चाहिए। उन्होंने मांग की कि पत्र को जनहित याचिका माना जाए।

बता दें कि रविवार को हुई इस घटना में आठ लोगों की मौत हो गई। वहीं कई अन्य घायल हो गए। किसानों की हत्या के आरोप में गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्र ‘मोनू’ समेत 14 के खिलाफ किसानों की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया है। वहीं, मारे गए सभी आठ लोगों के स्वजन को राज्य सरकार की ओर से 45-45 लाख रुपये व एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की गई है। वहीं सभी घायलों को दस-दस लाख रुपये दिए जाएंगे।

बीते दिनों एक कार्यक्रम के दौरान लखीमपुर खीरी से दो बार के सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को सुधरने की चेतावनी दी थी। उनके बयान का वीडियो वायरल होने के बाद किसानों ने मोर्चा खोल दिया था। इसके बाद उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य रविवार को लखीमपुर में कुछ सरकारी योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण पहुंचे थे। यहां से उन्हें टेनी के गांव बनवीरपुर में आयोजित दंगल के समापन समारोह में शामिल होना था। उनको लेने के लिए टेनी के समर्थक चार गाड़ियों में गांव से निकले। इस बीच प्रदर्शनकारी किसान हजारों की संख्या में निघासन तहसील के तिकुनिया कस्बा पहुंच गए। इसके बाद मंत्री के काफिले को गुरुनानक तिराहे पर उसे रोक लिया। इसके बाद जमकर हंगामा हुआ।

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