इंदौर ।
बांग्लादेशी युवतियों की तस्करी के आरोपित मुनीरुल उर्फ मुनीर गाजी को महिला थाना पुलिस ने रिमांड पर ले लिया है। आरोपित ने बाणगंगा शेल्टर होम से फरार युवतियों को भी दलालों को बेचना स्वीकार लिया है। जिन युवतियों को बेचा उन्हें दलालों ने देहव्यापार के लिए मुंबई भेज दिया। पुलिस मुनीर से दलालों के संबंध में पूछताछ कर रही है।
टीआइ तहजीब काजी के मुताबिक आरोपित मुनीरूल उर्फ मुनीर पुत्र खालिग गाजी निवासी जसोर बांग्लादेश को एसआइटी सदस्य एसआइ प्रियंका शर्मा, भरत बड़े और कुलदीप ने सूरत से गिरफ्तार किया था। मुनीर की गिरफ्तारी पर 10 हजार रुपये का इनाम था और 11 महीने से तलाश थी। मुनीर ने पूछताछ में बताया कि सागर जैन उर्फ सैंडो की गिरफ्तारी के बाद वह सूरत भाग गया था।
यहां वह बांग्लादेशी युवतियों की खरीद फरोख्त करने लगा। मोहित गेस्ट हाउस से मुक्त करवाई युवतियों के शेल्टर होम पहुंचने की खबर मिली तो उसने संपर्क किया और फरार करवा दिया। मुनीर ने तीन युवतियों को दलालों को बेच दिया। हालांकि पूछताछ में बताया उसने जिन युवतियों को बेचा उनकी शादी करवाई है। शादी के बाद दलाल उन्हें देहव्यापार में धकेल देते हैं। दो युवतियों को मुंबई के दलाल लेकर गए हैं। पुलिस युवतियों की तलाश में जुटी हुई है।
महिला एसआइ को रुपयों का लालच दे रहा था तस्कर
टीआइ के मुताबिक, मुनीर बार-बार मोबाइल व सिम कार्ड बदल देता था। वह इंटरनेट कॉलिंग करता था। जब पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ा तो एसआइ प्रियंका शर्मा को छोड़ने के एवज में रुपयों का लालच दिया। एसआइ ने छोड़ने का आश्वासन दिया और उससे गिरोह के सदस्यों की सारी जानकारी ले ली। मुनीर ने बताया कि सूरत के जोलवापाटी, कड़ोदरा और लालबाग एरिया में बांग्लादेशी दलाल रहते हैं। उनके द्वारा खरीदी लड़कियां स्पा व फ्लैट में देह व्यापार करती हैं। एसआइ ने उन दलालों की जानकारी भी ले ली जिन्होंने शेल्टर होम से भागी युवतियां खरीदी थीं। बाद में अफसरों को पूरी घटना बताई और मुनीर को गिरफ्तार कर लिया।